आगरा। इनर रिंग रोड के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले किसानों ने रविवार को जोरदार प्रदर्शन किया। एत्मादपुर तहसील के मौजा रहनकलां, रायपुर सहित 14 गांवों के किसानों ने पंचायत कर प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
किसानों का आरोप है कि वर्ष 2014 में आगरा विकास प्राधिकरण ने उनकी भूमि बिना सहमति के अधिग्रहीत कर ली थी। मुआवजे का निर्धारण भी उचित सर्किल रेट के आधार पर नहीं किया गया। किसानों का कहना है कि उन्हें 2014 में दिए गए 24 से 44 लाख रुपये प्रति बीघा की तुलना में अब और भी कम मुआवजा दिया जा रहा है, जो अन्यायपूर्ण है।
पिछले साल 23 जुलाई 2023 को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत की अगुवाई में आयोजित किसान महापंचायत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया था कि या तो किसानों को उनकी भूमि वापस की जाएगी या चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन किसानों का कहना है कि अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
पंचायत में मांग की गई कि 2014 के मुआवजे पर बैंक का ब्याज जोड़कर भुगतान किया जाए। कृषि हेतु भूमि खरीदने वाले किसानों को स्टांप ड्यूटी से मुक्त किया जाए। मुआवजा राशि एकमुश्त दी जाए।
अधिकारियों की अनुपस्थिति पर किसानों का आक्रोश
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया ने पंचायत में किसी अधिकारी के आने पर चेतावनी दे डाली कि किसान इनर रिंग रोड को जाम करने जा रहे हैं। इसके कुछ देर बाद ही एसीपी पीयूष राय एवं एसडीएम एत्मादपुर मौके पर पहुंच गये। इन अधिकारियों ने आगरा विकास प्राधिकरण के संयुक्त सचिव सुरेंद्र बहादुर सिंह को भी मौके पर बुलाया, जिसके बाद जाकर आक्रोशित किसान शांत हुए।
लेखपाल को हटाने का भरोसा
किसानों ने अधिकारियों को घेरते हुए आरोप लगाया कि जो टीम किसानों के बीच जा रही है, वह रिश्वत लेकर काम कर रही है। भारतीय किसान यूनियन ने लेखपाल राहुल आज़ाद को तत्काल हटाने और किसी दूसरे लेखपाल की नियुक्ति की मांग की। इस पर एसडीएम एत्मादपुर ने आश्वासन दिया कि संबंधित लेखपाल की जांच कर उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाएगा।
15 मार्च तक होगा भूमि का मूल्यांकन
प्रशासन की ओर से किसानों को आश्वासन दिया गया कि 15 अप्रैल तक उनकी भूमि का मूल्यांकन किया जाएगा और तब तक कोई भी कार्य नहीं होगा। किसानों ने प्रशासन को साफ चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहेंगे।
पंचायत का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया एवं युवा मंडल अध्यक्ष विपिन यादव ने संयुक्त रूप से किया, जबकि संचालन सौरभ यादव ने किया। पंचायत में महासचिव कृपाल सिंह फौजदार, जिला प्रवक्ता नाथू सिंह धाकरे, जिला उपाध्यक्ष श्यामवीर सिंह चाहर, पंकज यादव, मुन्नालाल अरेला, महाराज सिंह और नरेश जसावत सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।