आगरा: दयालबाग के ग्यारह गांवों के लोग अपने मकान बेच रहे हैं। उन्होंने जगह-जगह पोस्टर लगा दिए गए हैं। इन पोस्टरों पर साफ लिखा है कि राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग के भू-माफियाओं से परेशान होकर वे पलायन को तैयार हैं और अपने मकान बेचना चाहते हैं।
गौरतलब है कि राधास्वामी सत्संग सभा, प्रशासन, पुलिस और गांव वालों के बीच तीन महीने पहले बवाल हुआ था। गांव वालों का आरोप था कि सत्संग सभा ने गांवों की जमीनों को घेर लिया है। तारबंदी कर दी है। चारागाह की जमीनों पर कब्जे कर लिए हैं, जिससे पशुओं को चराने का संकट खड़ा हो गया है। गांव की महिलाएं अगर घास काटने जाती हैं तो उनकी पिटाई की जाती है। प्रशासन ने सरकारी भूमि पर कब्जे के मामले में थाना न्यू आगरा में मुकदमा भी दर्ज कराया था।
इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा, जहां से मिले आदेश के बाद पुलिस और प्रशासन को भी अपने पैर वापस खींचने पड़े थे।
किसान नेता भूरी सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन भी सत्संग सभा के आगे हार गया है। तो हम क्या हैं। हमारी जमीनें सत्संग सभा ने घेर ली हैं। हर तरफ से हमें हार का सामना करना पड़ रहा है। हमारे पास और कोई चारा नहीं बचा है। अब हमें अपने मकान छोड़कर कहीं और बसना होगा।
जगनपुर, लालगढ़ी, खासपुर, सिकंदरपुर, मनोहरपुर, नगला तल्फी और पोइया घाट सहित 11 गांवों के मकान बिकाऊ के पोस्टर लगे हैं। जिनमें लिखा है कि मकान भू-माफिया सत्संगियों को छोड़कर कोई भी खरीद सकता है। ग्रामीण किसान पलायन को तैयार हैं क्योंकि सरकार और प्रशासन मौन है।
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