आगरा: बंदरों का आतंक केवल ताजमहल पर ही नहीं है, बल्कि वे शहर में भी लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। गुरुवार को नूरी दरवाजा स्थित पेठा कारोबारी के घर में बंदरों का झंडु घुस गया। घर में महिला को बंदरों ने घेर लिया। बचने के लिए भागी महिला को बंदरों ने काट खाया। पत्नी को बचाने आए पेठा कारोबारी को भी चोट आई हैं।
नूरी दरवाजा निवासी व पेठा कारोबारी तुषार गोयल ने बताया कि गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे उनके घर पर बंदरों का झुंड घुस आया। घर पर उनकी पत्नी नेहा और अन्य सदस्य थे। उनकी पत्नी ने बंदरों को भगाने का प्रयास किया तो बंदरों ने उन्हें घेर लिया। बंदरों से बचने के लिए नेहा भागीं, ऐसे में एक बंदर उनके पीछे दौड़ पड़ा। बंदर ने नेहा के हाथ पर झपट्टा मार कर काट लिया। बंदर के काटने से हाथ पर जख्म हो गए हैं। पत्नी की चीख सुनकर बचाने आए तुषार गोयल के भी चोट लग गई।
तुषार ने बताया कि बंदरों के चलते पूरे घर को जालियों से कवर कर रखा है। इसके बाद भी बंदर घर में घुस आते हैं। बंदर दिन भर खिड़की और जालियों पर बैठे रहते हैं। छत पर कोई अकेले जा नहीं सकता है। बंदरों के आतंक के चलते घरवालों को कैद होकर रहना पड़ता है। बच्चे भी एक पल के लिए बाहर नहीं निकल सकते हैं। गालियों में बंदरों का झुंड का झुंड बैठे रहता है।
निरंतर बढ़ रहा है बंदरों का आतंक
बंदरों का शहर में आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज, नूरी दरवाजा, बेलनगंज, सिंधी बाजार, गुड़ की मंडी, फौवारा, माईथान, रावतपाड़ा, पीपल मंडी सहित कई इलाकों में बंदरों की संख्या काफी अधिक है। यहां पर लोगों को बंदरों से बचने के लिए अपने घरों को लोहे की जालियों से कवर करना पड़ा है।
सालों से लोग बंदरों से परेशान हैं। पिछले दिनों ताजमहल पर बंदरों द्वारा विदेशी पर्यटकों को काटने के बाद नगर निगम ने बंदरों को पकड़ने और नसबंदी के लिए अभियान चलाने की बात कही थी। कई बंदरों की नसबंदी करने की बात भी कही गई, लेकिन अभी इसका कोई व्यापक असर नहीं दिखाई दिया है।
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