आगरा । भारतीय जनता पार्टी द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में हेमलता दिवाकर कुशवाह को महापौर पद पर प्रत्याशी बनाया गया है । प्रत्याशी घोषित होने के बाद उनके खिलाफ हिन्दू वादी संगठनों और आम नागरिकों ने मोर्चा खोल दिया है । सोमवार को अखिल भारत हिन्दू महासभा ने भाजपा प्रत्याशी हेमलता दिवाकर कुशवाहा के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया । हिन्दू महासभा के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि वो हेमलता दिवाकर कुशवाहा को किसी भी कीमत पर जीत हासिल नहीं करने देंगे । हिन्दू महासभा के दावे में कितना दम है , ये तो चुनाव परिणाम से विदित हो ही जायेगा , किंतु हाल फिलहाल हिन्दू महासभा ने भाजपा प्रत्याशी के सामने एक नया संकट अवश्य उत्पन्न कर दिया है , जिससे पार पाना हेमलता दिवाकर कुशवाहा के लिए आसान नहीं होगा ।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने आज ज़ारी बयान में कहा कि भाजपा ने हेमलता दिवाकर को महापौर पद का प्रत्याशी बनाकर अपने पैर पर स्वयं कुल्हाड़ी मारी है और ये भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी भूल सिद्ध होगी । हेमलता दिवाकर के नाम से ही भाजपा को यह सीट खोनी पड़ेगी । हिन्दू महासभा आगरा में भाजपा प्रत्याशी हेमलता दिवाकर के विरुद्ध मतदाताओं को एकजुट करेगी। हेमलता के लिए जीत का दावा करना उनके लिए मुंगेरी लाल के हसीन सपनों से अधिक महत्व नहीं रखता ।
हेमलता दिवाकर कुशवाहा आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं । उन्होंने 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर विधायक का चुनाव जीता था । चुनाव जीतने के बाद विधायक के रूप में उनकी नकारात्मक राजनीति ने मतदाताओं को छलने का अक्षम्य अपराध किया । मतदाताओं के लिए उपलब्ध न होने और विश्वास खोने का खामियाजा नागरिकों को उठाना पड़ा । नागरिक समस्याओं से त्रस्त नागरिकों द्वारा विधायक हेमलता दिवाकर के गुमशुदा होने के होर्डिंग बनवाकर चौराहों पर लगाने को विवश होना पड़ा ।
जारी बयान में कहा गया कि हेमलता की राजनीतिक छवि धूमिल होने और मतदाताओं का उनके विरुद्ध आक्रोश को देखते हुए भाजपा ने 2022 विधानसभा में टिकट के योग्य नहीं समझा और उनका पत्ता कट गया । महापौर पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से भाजपा ने हेमलता को टिकट देकर उन पर भरोसा करने का साहस दिखाया । बेहतर होता कि भाजपा उनके स्थान पर अन्य विकल्पों को तलाश करती । ” अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत ” की स्थिति भाजपा की बन चुकी है ।
हिन्दू महासभा दावा कर रही है कि विधायक होने के दौरान मतदाताओं के बीच से लापता होने का तमगा हासिल करने वाली हेमलता दिवाकर कुशवाहा महापौर प्रत्याशी बनकर अचानक फिर से मतदाताओं के मध्य प्रकट हो गई हैं । मतदाताओं को अचंभा हो रहा है , किंतु प्रश्न उठाने का साहस नहीं कर पा रहा है। मतदाता आशंकित है कि कहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धियों की आंधी में गलती से वो चुनाव जीत गई तो उन्हे अनायास ही महापौर के कोप भाजन को झेलना होगा । मतदाताओं को निडरता और साहस से पूछना चाहिए कि विधायक के रूप में पांच साल लापता रहने वाले पर भरोसा क्यों और किसलिए ? हिन्दू महासभा मतदाताओं की ओर से हेमलता से यह प्रश्न अवश्य पूछेगी । यह भी पूछेगी कि महापौर बनने के बाद फिर से उनके लापता न होने कि गारंटी कौन और क्यों लेगा ?
हिन्दू महासभा मतदाताओं को जागरूक बनाने के लिए कार्यकर्ताओं की टीम घर घर भेजेगी और उनसे हेमलता को वोट न देने की अपील करेगी । हिन्दू महासभा नहीं चाहती कि नागरिकों को लापता होने वाला महापौर मिले और नागरिक समस्याओं के अंबारों के पहाड़ खड़े होते रहे । हिन्दू महासभा मतदाताओं से भाजपा के अलावा अन्य प्रत्याशियों में से किसी भी प्रत्याशी को अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने का आहवान करेगी ।