Agra News: अंतरराष्ट्रीय जाट दिवस पर किरावली की जाट महापंचायत में महाराजा सूरजमल सेना का गठन, आगरा के किले को लेकर बड़ा एलान

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किरावली/आगरा। अंतर्राष्ट्रीय जाट दिवस के अवसर पर किरावली में आयोजित विशाल जाट महापंचायत में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

महाराजा सूरजमल की स्मृति को लेकर तेज होती आवाज़ के बीच जाट समाज ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो 12 जून को आगरा के किले पर चढ़ाई की जाएगी।

किले को सूरजमल स्मारक घोषित करने की मांग

महापंचायत में प्रमुख मांग रखी गई कि आगरा के किले को महाराजा सूरजमल स्मारक घोषित किया जाए, क्योंकि इतिहास के अनुसार 12 जून 1761 को महाराजा सूरजमल ने इस किले को मुगल शासकों से जीतकर 14 वर्षों तक भरतपुर राजघराने के अधीन रखा था। साथ ही किले में 100 फीट ऊँची सूरजमल की प्रतिमा लगाने की भी मांग की गई।

सूरजमल सेना का गठन और अगली रणनीति

जाट महापंचायत में “महाराजा सूरजमल सेना” के गठन की घोषणा की गई, जो स्मारक की मांग को लेकर जनआंदोलन का नेतृत्व करेगी। यदि सरकार ने मांगों पर अमल नहीं किया, तो 12 जून को किले पर चढ़ाई कर वहां महाराजा सूरजमल की ध्वजा फहराई जाएगी।

अन्य प्रमुख मांगें

अकोला में राम की चाहर की प्रतिमा स्थापित की जाए। फुव्वारा चौराहा, आगरा पर वीर गोकुला जाट का स्मारक बने। किरावली, फतेहपुर सीकरी और अछनेरा के चौराहों पर महाराजा सूरजमल की प्रतिमाएं लगाई जाएं। खेरिया हवाई अड्डे का नाम बदलकर महाराजा सूरजमल हवाई अड्डा किया जाए।

महापंचायत में रही भारी भीड़

महापंचायत में मथुरा, भरतपुर से हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हुए। मुख्य अतिथि रहे भरतपुर राजघराने के वंशज कुंवर लक्ष्य सिंह रहे। अध्यक्षता रघुवर सिंह सरपंच ने की और संचालन अवधेश सोलंकी ने किया।

आयोजक किसान नेता मुकेश डागुर ने कहा कि “हम अपने महापुरुषों का अपमान नहीं सहेंगे। अगर शिवाजी स्मारक बन सकता है, तो सूरजमल स्मारक क्यों नहीं?”

संगठन और नेताओं का समर्थन

इस आंदोलन को राष्ट्रीय जाट संगठन, अखिल भारतीय जाट जन जागृति संगठन, महाराजा सूरजमल संगठन, सूरजमल यूथ ब्रिगेड, जाट वंशावली संगठन सहित कई संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ। संकेत चौधरी (मथुरा), नरेश पहलवान (भरतपुर), अजय राज चाहर समेत अन्य वक्ताओं ने “आर या पार” की लड़ाई का ऐलान किया।

ये रहे मौजूद

देवी सिंह प्रधान, बाबूलाल प्रधान, गौरव प्रधान, दिगंबर सिंह, चंदन सिंह सूबेदार, भूदेव प्रधान, राजन प्रधान, ओमप्रकाश प्रधान, वीरू प्रधान, योगेश इंदौलिया, बंटी पंडित, सनी सम्राट चौधरी, संतोष चौधरी समेत हजारों लोगों की मौजूदगी ने इस आंदोलन को मजबूती प्रदान की।