आगरा: सदर क्षेत्र के नामनेर स्थित लालनाथ समाधि मठ के मठाधीश योगी चैतन्यनाथ की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारे का कहना है कि महंत ने उसके साथ गलत हरकत की थी, इसलिए उसने डंडे से महंत के सिर पर वार कर हत्या कर दी। हत्या के बाद महंत का मोबाइल लेकर बिहार चला गया था।
नाथ संप्रदाय के लालनाथ समाधि मठ के मठाधीश योगी चैतन्यनाथ का शव विगत 12 मई को मठ परिसर में मिला था। वहां के अन्य संतों ने ठोकर लगकर गिरने की बात कही। संप्रदाय के नियमानुसार मठ परिसर में ही समाधि दी गई। समाधि के बाद योगी चैतन्यनाथ के भाई हिंदू जागरण मंच के पूर्व जिलाध्यक्ष मुन्ना मिश्रा उनके कमरे पर पहुंचे थे। सामान देखा तो उसमें मोबाइल और एटीएम कार्ड नहीं मिला। उन्होंने जानकारी की तो 15 मई तक मोबाइल इस्तेमाल होने की जानकारी मिली। मोबाइल से यूपीआई से योगी के खाते से रकम निकाली गई थी। इसके आधार पर ही मुन्ना मिश्रा ने शिकायत की थी।
शिकायत के बाद पुलिस ने समाधि के एक सप्ताह बाद 21 मई को चैतन्यनाथ का शव समाधि से निकाला था। पुलिस कमिश्नर ने पोस्टमार्टम के आदेश दिए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सिर में गंभीर चोट लगने से और अधिक खून बह जाने से महंत की मौत हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया था कि सिर की हड्डी टूट गई है। सदर पुलिस और सर्विलांस सेल को जांच के दौरान मोबाइल फोन की लोकेशन बिहार में मिली। बिहार एक टीम को भेजा गया। वहां से अक्षय गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। अक्षय बिहार के पीपरा सहरसा गांव का रहने वाला है।
अक्षय उर्फ बालयोगी ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि वह सेवा करने के लिए आश्रम में आता रहता था। पिछली दस मई को भी वो आश्रम पहुंचा था। महंत चैतन्यनाथ से मिला। महंत ने उसके खाने पीने की व्यवस्था की। रात में जब वह महंत की सेवा कर रहा था। उस समय महंत ने उसके साथ गलत हरकत की। इससे वह गुस्से में आ गया। डंडे से महंत के सिर पर वार किया। महंत का मोबाइल लेकर अपने गांव भाग गया।