रविवार को होगी प्रथम आहूति, देवी देवताओं की 56 मूर्तियां की हुई प्राण प्रतिष्ठा
महामायी की ध्वजाओं से लहराया यज्ञस्थल, आसाम व मितिलानगरी से आए 21 आचार्यों ने कराया पूजन
आगरा। वैदिक मंत्रोच्चारण से प्रधान कुण्ड के पूजन के साथ मां कामाख्या सहस्त्र चण्डी 108 कुण्डीय महायज्ञ का शुभारम्भ हुआ। गुवाहटी (आसाम) व मिथिनगरी से आए 21 आचार्यों ने विधि विधान के साथ यज्ञ कुण्डों का पूजन कराया। यज्ञ स्थल पर तैयार की गई देवी देवताओं की 56 मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा कर पूजन किया गया। रविवार से 108 कुण्डीय यज्ञ गौ पूजन के साथ 20 फरवरी तक प्रतिदिन सुबह नौ बजे से आयोजित किया जाएगा।
महामाई के यज्ञ स्थल पर मानों समस्त देवलोक पधार आया हो। शिव परिवार, राम दरबार, राधा-कृष्ण, विघ्न विनाशक गणपति, बजरंग बली, मां दुर्गा के नौ स्वरूपों सहित पंचमुखी मां कामाख्या देवी की आकर्षक मूर्तियां यज्ञ स्थल पर देव लोक का आभास करा रहीं हैं। सभी मूर्तियों को एक प्रांगण में सजाया गया है। हर तरफ महामाई कामाख्या देवी की ध्वजाएं लहरा रही हैं। आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा आज विधि विधान से पूजन कर यज्ञशाला की आरती की गई। रविवार को प्रातः गौ पूजन के उपरान्त महायज्ञ का आयोजन होगा। महायज्ञ में भाग लेने के लिए 300 से अधिक साधू संत विभिन्न धार्मिक स्थानों से पधारे हैं। प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से श्रीराम कथा व शाम 7 बजे से रामलीला का मंचन किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजन समिति के मुरारीप्रसाद अग्रवाल, यशपाल सिंह चैधरी, वंदना मेड़तवाल, अजय गोयल, राहुल अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, अवि गोयल, पवन भदौरिया, सुनील पाराशर, डॉ. सुभाष भारती, प्रीतम सिंह लोधी, जयशिव छोकर, विरेन्द्र मेड़तवाल आदि उपस्थित थे।
मेले का आनन्द भी उठाएंगे श्रद्धालू
महायज्ञ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए यज्ञ स्थल पर ही मेले का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बच्चों के लिए झूले, धार्मिक सामग्री व खान-पान की स्टॉलें होंगी। यज्ञ स्थल पर साधू संतों के ठहरने के लिए रैन बसेरा व भंडारे की भी व्यवस्था की गई है।
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