आगरा। उनके पेट पर लात पड़ी है, इसीलिए आज वे पेट के बल लेटते-लेटते जिलाधिकारी के दर पर पहुंचे और न्याय मांगा। वे डीएम से यह भी कह आए हैं कि अब भी न्याय न मिला तो 22 नवंबर के बाद सड़कों पर आकर भीख मांगेंगे।
मजबूर होकर ये मजदूर आज पेट के बल लेटकर जिलाधिकारी के कार्यालय पर पहुंचे और न्याय मांगा।
संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक पर शहर की छह औद्योगिक इकाइयों के श्रमिक बीते जून माह की 11 तारीख से धऱना देते चले आ रहे हैं।
आज इनके धरने का 155वां दिन था। इन्हीं मजदूरों ने धनतेरस के दिन कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय पर आठ घंटे तक खाली कनस्तर बजाकर न्याय मांगा था। तब डीएम ने तत्कालिक एक्शन लेकर मजदूरों को शांत किया था।
विगत 5 नवंबर को इसी सिलसिले में डीएम ने बैठक भी बुलाई थी, लेकिन छहों फैक्ट्रियों के मालिकों में से कोई भी डीएम की बैठक में नहीं पहुंचा था।
इन मजदूरों की मांग है कि उनकी फैक्ट्रियों के मालिक उनके देयों का भुगतान नहीं कर रहे हैं, प्रशासन दखल देकर उनका भुगतान करा दे। जिन फैक्ट्रियों के मजदूर पेट के बल लेटते हुए डीएम आफिस पर पहुंचे, वे हैं- जगदीश मेटल वर्क्स नुनिहाई, बैनारा बेयरिंग्स एंड पिस्टन्स यूनिट-1 और यूनिट-2 विनय आयरन फाउंड्री, बैनारा ऑटोज, बैनारा ऑटोमोटिव्स, बैनारा रबर।
इन फैक्ट्रियों के श्रमिक वेतनमान, बोनस, ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फण्ड, ईएसआई आदि मांगों को लेकर धरनारत हैं। मजदूरों को फैक्ट्री मालिकों द्वारा कई कई महीनों तक वेतन नहीं दिया जाता है। अगर दिया भी जाता है तो चार चार टुकड़ों में।
फैक्ट्री मालिकों ने दो से तीन साल से बोनस नहीं दिया है। वृद्ध मजदूरों को इसीलिए सेवानिवृत नहीं किया जा रहा है, क्योंकि देयों का भुगतान करना पड़ेगा। फैक्ट्री मालिक मजदूरों का प्रविडेंट फण्ड और ईएसआई काटा तो जा रहा है, लेकिन विभागों में जमा नहीं किया जा रहा हैI
पांच महीने से धरना दे रहे मजदूरों के आंदोलन की अगुवाई मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह कर रहे हैं। दिलीप सिंह ने बताया कि मजबूर होकर श्रमिक आज जिलाधिकारी कार्यालय पर लेटते-लेटते पहुंचे। वहां डीएम की गैरमौजूदगी में एसीएम ने उनकी बात सुनी।
चौधरी दिलीप सिंह ने एसीएम से कहा कि मजदूरों के धैर्य की परीक्षा न ली जाए। फैक्ट्री मालिकों पर ठोस कार्यवाही की जाए। ऐसा न हुआ तो श्रमिक 22 नवंबर से सड़कों पर आकर भीख मांगेंगे।
आज के प्रदर्शन में चौधरी दिलीप सिंह के अलावा दाताराम लोधी, विष्णु भगवान शर्मा, चौधरी रोहन सिंह, खरग सिंह, भीकचंद्र उपाध्याय, विजेंद्र कुशवाह, केशव बघेल, विष्णु छोंकर संजय लोधी, राजकुमार शर्मा, कन्हैया लाल शर्मा, राकेश शर्मा, नंदू ठाकुर, गोपाल माहौर, राजू, रमेश चंद्र, अरविन्द बघेल, सुरेश कुमार, राकेश शर्मा, देवेंद्र कुमार, मुकेश, हरीशंकर जूरैल आदि शामिल थे।