Agra News: जाट क्षत्रिय वीरांगना सभा ने मनाया अंतराष्ट्रीय जाट दिवस, महापुरुषों के इतिहास को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग

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आगरा। जाट क्षत्रिय वीरांगना सभा की ओर से अंतराष्ट्रीय जाट दिवस पर आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-7 स्थित श्री बिहारीजी पैलेस में बैसाखी पर्व और सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह, डॉ. दीपा सिंह, स्मृति चाहर, सावित्री चाहर, अनुष्का चाहर, निभा चौधरी और पारुल सिंह ने बैसाखी के अवसर पर फसल का पूजन कर किया।

मुख्य अतिथि बबीता सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जाट दिवस के साथ-साथ आज बैसाखी का भी त्यौहार है, जो संपन्नता और खुशी का प्रतीक है। फसल के रूप में जो सोना एक किसान के घर आता है, उससे वो अपना पूरा जीवनयापन करता है और अनेकों खुशियां जीवन में आती है। यही कारण है कि यह दिन जाट समुदाय के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को याद करते हुए हर्षोउल्लास के साथ नाच गा कर मनाया जाता है।

संस्था की अध्यक्ष सुनीता सिंह ने बताया कि यह दिन जाट समुदाय के सदस्यों के बीच एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का अवसर है। जाट एक कृषक कौम है और इस समय रबी फसल की कटाई होकर घर आ जाती है, जो सुख व ख़ुशी का प्रतीक है। खरीफ फसल की तैयारी की जाती है, जो नई शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने मांग की कि सरकार जाट समाज के महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास को केन्द्रीय और राज्यों के शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करें।

जाट बाहुल्य प्रदेशों की संस्कृति को दर्शाया

महिलाओं ने जाट बाहुल्य प्रदेशों की संस्कृति को दर्शाते हुए विभिन्न पारंपरिक परिधानों में संगीत की धुन पर एक से बढ़कर नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। शिक्षा, चिकित्सा, समाज सेवा जैसे क्षेत्रो में उत्कृष्ट कार्य कर रहीं जाट समाज की महिलाओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंच संचालन महामंत्री अनीता चौधरी व प्रवक्ता रानी सिंह ने किया। धन्यवाद उपाध्यक्ष डॉ. नीतू चौधरी ने दिया।

इस अवसर पर संगीता चाहर, अनीता चाहर, सुनीता चौधरी, विनीता चौधरी, कंचन चौधरी, मोनिका फौजदार, साधना राणा, सीमा चाहर, निशा चौधरी, रेनू नौहवार, साधना चाहर आदि मौजूद रहीं।