आगरा। तेजी से भागती जिंदगी में मन की स्थिरता और जीवन का संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। इसी के समाधान की दिशा में फीलिंग्स माइंड्स संस्था द्वारा आयोजित सात दिवसीय मेंटल हेल्थ कार्निवल के पांचवें दिन गुरुवार को ‘माइंडफुलनेस’ पर केंद्रित एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में संस्था की संस्थापक और अंतरराष्ट्रीय मनोवैज्ञानिक डॉ. चीनू अग्रवाल ने कहा, बीते कल की पीड़ा और आने वाले कल की चिंता, हमें वर्तमान से दूर कर मानसिक असंतुलन की ओर ले जाती हैं। माइंडफुलनेस हमें ‘यहाँ और अब’ में जीना सिखाता है। उन्होंने बताया कि इस ध्यान विधि का उल्लेख विज्ञान भैरव तंत्र में भी मिलता है और यह मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में एक गहरा वैज्ञानिक और आध्यात्मिक उपाय है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने इस तकनीक का प्रशिक्षण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस, बेंगलुरु से प्राप्त किया है।
बच्चों की तरह जीएं वर्तमान में
मुख्य वक्ता के रूप में छत्तीसगढ़ से आईं पैरेंटिंग कोच स्वाति जैन ने प्रतिभागियों को ‘माइंडफुलनेस मेडिटेशन’ का अभ्यास कराया। उन्होंने कहा, बच्चों की तरह सरलता और जिज्ञासा हमें वर्तमान से जोड़ती है। निर्णयों में सहजता और अनुभव में पूर्ण उपस्थिति ही मानसिक संतुलन का मूल है।
माइंडफुलनेस से बीमारी में राहत
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. सत्य सारस्वत ने अपनी व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे कई वर्षों से कान में सीटी बजने की समस्या से जूझ रहे थे। माइंडफुलनेस के अभ्यास से उन्हें राहत मिली, जब पारंपरिक इलाज विफल रहा।
विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रीति सारस्वत ने कहा कि मन में संतुलन होगा तो चेहरे और रिश्तों में भी शांति दिखाई देगी। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सह-संस्थापक डॉ. रविंद्र अग्रवाल ने किया।
कल होगी ‘फूड फॉर मेंटल हेल्थ’ पर कार्यशाला
कार्निवल के छठवें दिन यानी शुक्रवार को शाम 4:30 बजे, मानसिक स्वास्थ्य में पोषण के महत्व पर आधारित ‘फूड फॉर मेंटल हेल्थ’ विषय पर विशेष कार्यशाला आयोजित होगी, जिसमें खानपान और जीवनशैली के संबंध पर चर्चा की जाएगी।