-11 दिसम्बर को दिल्ली, मुम्बई सहित सेन्टर फॉर एक्सीलेंस से सर्जरी का अधिवेशन स्थल पर होगा लाइव टेलीकास्ट, 12 दिसम्बर को होटल जेपी होटल में में होगा इसका उद्घाटन
आगरा। आगरा में आयोजित देश-विदेश के सर्जन्स के पांच दिवसीय महाकुम्भ एसीकॉन (एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया का वार्षिक सम्मेलन) आज शुरू हो गया। पहले दिन शांति वेद अस्पताल में 300 से अधिक सर्जन्स को एनीमल मॉडल पर हैंड ऑन कोर्स में सर्जरी की नई विधाओं की ट्रैनिंग दी गई। देश के जाने माने सर्जन्स ने चिकित्सा क्षेत्र के नवांकुरों को सर्जरी की नई विधाओं की ट्रैनिंग दी, जो आने वाले समय में मरीजों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगी।
लखनऊ के डॉ. योगेश मिश्रा ने बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों के सर्जन को भी ट्रेनिंग दी गई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में भी मरीजों को लाभ मिल सके। इसमें मुख्य रूप से 12 कोर्स कराए गए जिसमें लेजर, एमआईपीएच (पूर्ण प्रोटोलजी), एडब्ल्यूआरसी, एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड के साथ सीटी स्टेन व एमआरआई की रिपोर्ट को ठीक तरह से पढ़ने की भी ट्रैनिंग दी गई।
इसके साथ रिसर्च पेपर लिखने के तरीके भी सिखाए गए। एएसआइ, यूपीएएसआई और एसोसिएशन ऒफ सर्जन्स ऒफ आगरा द्वारा एसीकॉन 2024 का आयोजन 10 से 14 दिसंबर तक होटल जेपी पैलेस में किया जा रहा है। आईएससीपी के सचिव डॉ. लक्ष्मीकान्त लाडुकर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर्स और सर्जन्स की कमी है। ट्रेनिंग का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले 60 फीसदी मरीजों को भी बेहतर सर्जन की सुविधा प्रदान करना है, जिससे छोटी-छोटी सर्जरी के लिए उन्हें शहर न भागना पड़े।
आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. एसके मिश्रा ने बताया कि हैंड ऑन सर्जरी का आयोजन पहली बार किया गया है। दूसरे दिन 11 दिसंबर को दिल्ली, मुंबई सहित सेंटर फार एक्सीलेंस से 20 से अधिक सर्जरी की जाएंगी और सम्मेलन स्थल पर इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा। सर्जरी की तकनीक और जटिलताओं से जुड़े प्रश्नों के जवाब दिए जाएंगे।
आयोजन सचिव डॉ. अमित श्रीवास्तव व डॉ. समीर कुमार ने कहा कि 12 से 14 दिसंबर तक एसीकान में देश विदेश के प्रतिष्ठित सर्जन बीमारियों, सर्जरी और नई तकनीकी पर वीडियो आधारित व्याख्यान देंगे। कोषाध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि 300 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से निदेशक एकेडमिक्स डॉ. जी सिद्धेश, डॉ. विक्रम काटे, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. प्रशान्त गुप्ता, डॉ.जगत पाल सिंह, डॉ. सोमेन्द्र सिंह, डॉ. श्वेतांक प्रकाश, डॉ. सुरेन्द्र पाठक, डॉ. अंशिका तिवारी अरोरा, डॉ. अंकुर बंसल, डॉ. करन रावत आदि उपस्थित थे।
शौच में पांच मिनट से अधिक समय पाइल्स का संकेत
डॉ. योगेश मिश्रा ने बताया कि आज पाइल्स की सर्जरी 18 वर्ष तक की उम्र में हो रही है। वजह गलत खान-पान और रहन सहन है। यदि शौच में आपको पांच मिनट से अधिक का समय लगता है तो यह पाइल्स होने के संकेत हैं। जिन्हें कब्ज की परेशानी रहती है, उन्हें लापरवाही नहीं करनी चाहिए। प्रोसेसिंग और मार्केट फूड से दूर रहें। शौच करते समय मोबाइल और बुक या अखबार आदि पढ़ने में ज्यादा समय बिताना भी गम्भीर हो सकता है।
गलत रहन-सहन और खान-पान बढ़ा रही पित्त की थैली में पथरी और मोटापे की समस्या
औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से आए डॉ. प्रवीन सूर्यवंशी ने बताया कि उप्र से लेकर आसाम तक कठोर पानी व खेतों में कीटनाशक के अधिक प्रयोग के कारण पित्त की थैली में पथरी के मामले अपेक्षाकृत अधिक देखने को मिलते हैं। यहां पानी में सुधार के साथ कीटनाशकों के प्रयोग को कम करने की आवश्यकता है। वहीं प्रिजर्व और तला खाना मोटापे के साथ कैंसर, डायबिटीज की समस्या को बढ़ा रहा है। गलत लाइफ स्टाइल व खान-पान के कारण कम उम्र में यह बीमारियां बढ़ रही है।
ये होंगे कार्यक्रम
-11 दिसंबर लाइव आपरेटिव वर्कशाप, सर्जरी का सेंटर फार एक्सीलेंस से लाइव टेलीकास्ट होगा।
-12 से 14 दिसंबर वीडियो आधारित व्याख्यान, पेपर प्रजेंटेशन, पोस्टर प्रजेंटेशन और पीजी क्विज होंगी।
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