आगरा। ताज नगरी में 69 होटल मानकों को ताक पर रखकर चलाए रहे हैं। सराय एक्ट में इनका रजिस्ट्रेशन नहीं है। पर्यटन विभाग के द्वारा जारी हुई सूची में उन 69 होटल का खुलासा हुआ है जो मानकों को ताक पर रखकर चल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि फिर भी इन होटल पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। विभाग आंखें बंद किए हुए बैठा है। क्या वसूली के चलते आंखें बंद हैं?
आरटीआई एक्टिविस्ट रवि गांधी ने आरटीआई में मिली सूचना के साथ 17 अन्य अवैध रूप से संचालित हो रहे होटल की शिकायत शासन प्रशासन में की है। उनका कहना है कि हर दिन शहर में देशी और विदेशी पर्यटक हजारों की संख्या में आते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आंकड़े देखें तो हर साल ताजमहल का दीदार करने के लिए लगभग 75 लाख सैलानी आते हैं, जिनमें से लाखों पर्यटक ऐसे होते हैं जो आगरा में ताजमहल के साथ अन्य स्मारक देखते हैं और आगरा में ठहरते भी हैं। यही कारण है कि शहर में फाइव स्टार होटल के साथ ही स्मारकों के पास हर गली में होटल है।
उनका कहना है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग से आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी। विभाग ने सूचना में स्वीकारा है कि आगरा में 52 होटल अवैध रूप से संचालित हैं। जिनका सराय एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं है, जबकि 454 होटल अवैध हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि विभाग होटल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके अलावा 17 से ज्यादा और अन्य होटल है जो नियम वविरुद्ध चलाये जा रहे हैं।
सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी का पर्यटन विभाग में चल रहा दबदबा
आगरा के पर्यटन विभाग कार्यालय से एक प्रशासनिक अधिकारी सेवानिवृत हो चुके हैं, लेकिन उनका जलवा अभी भी कायम है। सूत्रों का कहना है कि वही विभाग चला रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पर्यटन मंत्री भी पूर्व में इस बात को लेकर नाराज हो चुके हैं कि यह विभाग में क्यों आता है। फिर भी इसका विभाग में आना-जाना जारी है।
पर्यटन मंत्री के नाराज होने पर भी आखिर इन्हें किस लालच के तहत बुलाया जा रहा है? इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है। बताया यह भी जाता है कि यह खातिरदारी में भी माहिर हैं। वर्तमान साहब से रिश्ते भी सुर्खियों में छाए हुए हैं। साहब की जमकर खातिरदारी की जा रही है।
-साभार सहित