Agra News: ताजमहल में हीटवेव से पीड़ित पर्यटकों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने की मॉकड्रिल

स्थानीय समाचार

– गश खाकर गिरे पर्यटक को ताजमहल स्थित पीएचसी में स्ट्रेचर पर लाया गया

– पीएचसी में पर्यटक को दिया गया प्राथमिक उपचार, उच्च उपचार के लिए एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा

– जल्द टेलीमेडिसिन सेवा भी ताजमहल पीएचसी में होगी शुरू-सीएमओ

आगरा: ताजमहल परिसर में शनिवार को हीट वेव मॉकड्रिल व जागरुकता प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव के निर्देशन में आयोजित हुई मॉकड्रिल में हीट वेव से पीड़ित डमी पर्यटक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के स्टाफ और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों द्वारा स्ट्रेचर पर ताजमहल परिसर स्थित स्वास्थ्य विभाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया, जहां पर उसे चिकित्सक द्वारा प्राथमिक उपचार दिया गया। इसके बाद पर्यटक को एंबुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल भेज दिया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ताजमहल परिसर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2023 से डिस्पेंसरी संचालित की जा रही है। इसमें ताजमहल घूमने आने वाले पर्यटकों की तबियत बिगड़ने पर प्राथमिक उपचार दिया जाता है। अब इस डिस्पेंसरी को अपग्रेड करके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया है। जल्द ही यहां पर टेलीमेडिसिन सेवाएं भी शुरू की जाएंगी।

सीएमओ ने कहा कि आगरा में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है और हीट वेव चलने लगी हैं। ऐसे में पर्यटकों, सीआईएसएफ के जवानों, एएसआई स्टाफ, टूरिस्ट गाइड व ताजमहल में तैनात फोटोग्राफरों को जागरुक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा हीट वेव मॉकड्रिल व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिससे स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्यटकों को दी जा रही सुविधा के बारे में सभी तक जागरुकता फैले और अधिकतम पर्यटकों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल सके।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि ताजमहल पीएचसी में मरीजों के प्राथमिक उपचार के लिए एमबीबीएस डॉक्टर, फार्मासिस्ट और दो प्रशिक्षित स्टाफ हमेशा तैनात रहते हैं। यहां पर मरीजों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर, पल्स मॉनिटर, ईसीजी मशीन व प्राथमिक उपचार हेतु दवाएं मौजूद हैं। यदि मरीज को उच्च उपचार की आवश्यकता होती है तो मरीज को तुरंत एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस द्वारा जिला अस्पताल या एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। मॉकड्रिल में भी इसी प्रक्रिया को दोहराया गया।

मॉकड्रिल के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम कुलदीप भारद्वाज, ताजमहल पीएचसी नोडल अनिल सत्संगी, सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राकेश शुक्ला, एएसआई के सरंक्षण सहायक सतीश कुमार, रवि कुमार मिश्रा, तनुज दत्त शर्मा, श्यामनाथ, दिलीप, नागेंद्र सिंह व अन्य स्टाफ का सहयोग रहा।

हीट वेव की चपेट में आने के लक्षण–

– शरीर का तापमान बढ़ना एवं पसीना आना
– सिरदर्द होना या सिर का भारीपन महसूस होना
– त्वचा का सूखा एवं लाल होना
– उल्टी, दस्त होना
– बेहोश हो जाना
– मांसपेशियों में ऐंठन होना

हीट वेव से पीड़ित होने पर प्राथमिक उपचार–

– व्यक्ति को ठंडे एवं छायादार स्थान पर ले जाएं
– नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं
– व्यक्ति को पैर ऊपर रखकर सुला दें
– मरीज यदि बेहोश न हो तो ठंडा पानी पिलाएं
– जितना हो सके कपड़े शरीर से निकाल दें
– पंखे से शरीर पर हवा डालें
– शरीर के ऊपर पानी से स्प्रे करें

धूप में जाने से पहले ये करें–

– शरीर को पूरी तरह ढकने वाले सूती कपड़े पहनें
– सिर को टोपी, गमछा, छाता इत्यादि से ढकें
– पानी की बोतल साथ रखें
– लगातार धूप में न रहें।
– बीच-बीच में छांव में बैठ जाएं

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