Agra News: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सुनाई डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि के शिक्षकों-कर्मचारियों को खरी-खरी

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अपने ही शहर के विवि में नहीं पहुंच पाए कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, राज्यमंत्री रजनी तिवारी रहीं मौजूद

आगरा: यहां डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 88वें दीक्षांत समारोह में आज गुरुवार को आईं कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विवि की शिकायतों को लेकर गहरी नाराजगी जताई। वह अपने भाषण के दौरान जमकर भड़कीं।

आनंदी बेन पटेल इस दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रही थीं। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी की ही उपस्थिति रही। उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय को शामिल होना था पर उनका कार्यक्रम कहीं और लग गया और वह आ नहीं पाए। मुख्य अतिथि जरूर भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एमएम सालुंखे रहे।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में छात्र-छात्राओं का मनोबल भी बढ़ाया और परिसर में भ्रमण करके हाल जाना। छात्र-छात्राओं से बात करके पढ़ाई व अनुशासन के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्हें विवि के शिकायतों की एक लंबी लिस्ट मिली। राज्यपाल छात्र-छात्राओं को मेडल देने के बाद विवि के शिक्षकों, कर्मचारियों पर खूब बरसीं।

उन्होंने कहा कि दस साल में विश्वविद्यालय को पूरी तरह से बर्बाद करके रख दिया। अब अगले दस साल में इसे संवारने के लिए विजन डाक्यूमेंट उनके सामने पेश किया जाए।
लगातार दूसरी बार दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति के निशाने पर विवि के शिक्षक रहे। शिकायतों से परेशान कुलाधिपति पटेल ने अपने दीक्षांत भाषण में स्पष्ट कहा कि शिक्षकों ने लड़ाई-झगड़े के अलावा कुछ नहीं किया। दस साल में विवि को बर्बाद करके रख दिया। पीएचडी हासिल की, पर संस्कार नहीं लिए। उनका परिवार विवि से मिले वेतन से चलता है, पर न सहयोग करते हैं न काम, फिर अध्यापक रहने का कोई अर्थ नहीं।

राज्यपाल की नाराजगी यहीं नहीं रुकी। उन्होंने कहा कि काम नहीं करना तो मत करिए, पर विवि की बुराई मत करिए। घर बैठिए। कुलपति से कहा कि जो काम करें, उन्हें जिम्मेदारी दें। चार साल बाद जब विवि के 100 साल का उत्सव होगा, तब तक नैक की “ए प्लस प्लस” ग्रेडिंग लानी होगी। दस साल का विजन डाक्यूमेंट बनाएं और मेरे सामने रखें।

राज्यपाल ने शिक्षकों को आईना दिखाते हुए कहा कि 96 साल पुराने जिस विवि में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पढ़े हों, उसकी क्या हालत बनाकर रख दी है। डॉ. शंकर दयाल शर्मा, रामनाथ कोविंद, चौ. चरण सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल जैसी हस्तियां यहां से पढ़कर निकलीं हैं। शिक्षक 35 साल तक जिस जगह काम करते हैं, उससे ही प्रेम नहीं है। संवेदनाएं नहीं हैं। समस्याएं देखकर भी कुछ नहीं करते। छात्र-छात्राएं भटकते रहे, पर उनकी समस्याओं के लिए दिल में संवेदनशीलता ही नहीं।

महिलाओं का बोलबाला, हुमा जाफर को सर्वाधिक पदक

यह दीक्षांत समारोह महिला शक्ति के नाम रहा। पूरे कार्यक्रम में महिलाओं का ही बोलबाला रहा। कुल 123 में से सर्वाधिक 97 पदक छात्राओं को ही दिए गए। गोल्डन गर्ल हुमा जाफर के हिस्से सर्वाधिक 11 पदक आए। इस बार दीक्षांत समारोह में चारों चल वैजयंती ट्रॉफियां छात्राओं को ही दी गईं।

गंगाधर शास्त्री वाद-विवाद प्रतियोगिता की चल वैजयंती किशोरी रमण कन्या महाविद्यालय की सपना व सुहानी सिंह को, पन्नालाल मेमोरियल अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता की चल वैजयंती आगरा कॉलेज की ईला शर्मा व मान्या दक्ष को, वॉक प्रतियोगिता की चल वैजयंती बीएसए कॉलेज की वंशिका शर्मा, गांधी विचार गोष्ठी की चल वैजयंती ट्रॉफी आरबीएस कॉलेज की अमनदीप कौर को दी गई। खेलों के विजेताओं के तौर पर पुरस्कार लेने वालों में भी छात्राओं की संख्या ही अधिक रही।


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