Agra News: ताजमहल को सहेजने की प्रक्रिया जानकर हैरान हुए जी-20 के मेहमान

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आगरा: शहर में जी-20 देशों के सम्मेलन में भाग लेने आए मेहमान दो दिन की बैठक के बाद रविवार की शाम ताजमहल का दीदार करने पहुंचे। ताजमहल की खूबसूरती पर निहाल मेहमान उस समय चकित रह गए, जब उन्होंने ताजमहल समेत सैकड़ों साल पुरानी इमारतों को उड़द की दाल, बताशा, बेलगिरी, गम बबूल और सफेद चूने के पेस्ट से सहेजते हुए देखा।

ताजमहल के पूर्वी गेट दालान में मेहमानों को ताज के संरक्षण की जानकारी देने के लिए एएसआई ने कारीगरों को डेमो के लिए बुलाया था। इसमें ये सभी चीजें मसाले के रूप में मिश्रित करते हुए दिखाई गईं। जी-20 के मेहमान 370 साल पुरानी इमारत के संरक्षण के बारे में जानकर चकित रह गए। उन्होंने पच्चीकारी होते हुए देखी तो पूछा कि बिना मशीन के पत्थर को कैसे मनचाही डिजाइन में काटा गया, तब उन्हें पच्चीकारी की कला का प्रदर्शन दिखाया गया। अधीक्षण पुरातत्वविद डाॅ. राजकुमार पटेल, इंजीनियर अमरनाथ गुप्ता, राजनरायन, सहायक पुरातत्वविद डॉ. जितेंद्र कुमार और वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने जी-20 मेहमानों को संरक्षण की जानकारी दी।

मेहमानों को ताजमहल की असली कब्रों के साथ गुंबद के ठीक ऊपर और अंदर कब्रों की प्रतिकृति की डिजाइन और जालियों के काम को दिखाया गया। यहीं पर दालान में एलईडी स्क्रीन के पास स्मारकों पर साल 2015 से 2022 के बीच किए गए संरक्षण कार्यों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया कि एएसआई स्मारकों को उनके मूल स्वरूप में कैसे लाया।
इससे पहले ताजनगरी में जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत सुबह योग के साथ हुई। सभी मेहमानों ने योग किया। आयुष मंत्रालय ट्रेनरों द्वारा मेहमानों के साथ योग कराया गया। सत्र में विशेष अभिभाषण केंद्रीय आयुष मंत्रालय के मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि जीवन में स्वस्थ रहने के लिए योग का होना जरूरी है योग के कारण व्यक्ति निरोग हो सकता है।

दिन में बैठक का प्रथम सत्र विचार बिंदु “आर्ट, कल्चर एंड अ बैटर वर्ल्ड” पर आयोजित हुआ जिसका संचालन अवंतिका डालमिया चेयरपर्सन, अवनी फाउंडेशन द्वारा किया गया। इस सत्र में डॉ. संध्या परेचा, रेनू मोदी, रसिका रेड्डी, शरॉन लोवेन, पुनीत कौशिक ने भागीदारी कर अपने विचार व्यक्त किए।

जी-20 मेहमानों के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत ब्रज रास की मनमोहक प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गई।

इसके बाद सायंकाल मोहब्बत की निशानी कहे जाने वाले विश्व विख्यात स्मारक ताजमहल का दीदार मेहमानों द्वारा किया गया। मेहमानों के लिए शिल्पग्राम में राजस्थानी लोक गीत की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गई। मेहमानों के लिए शिल्पग्राम में स्थानीय उत्पादों की विभिन्न स्टॉल भी लगाई गई। यहां उन्हें कठपुतली नृत्य भी दिखाया गया।

-एजेंसी


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