आगरा के जिला अस्पताल में एक परिवार पूरी तरह से लहूलुहान अवस्था में इलाज के लिए पहुँचा। परिवार के कई सदस्य झगड़े में बुरी तरह से घायल हुए थे। जिला अस्पताल में घायलों का मेडिकल हुआ और चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार भी किया। घायलों से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि पड़ोस के ही कुछ दबंग लोगों ने घर की बेटी को गलत नीयत से दबोच लिया। बेटी को बचाने और इस घटना का विरोध करने के चलते दबंगों ने हथियारों से हमला कर दिया जिसमें परिवार के कई लोग घायल हो गए। पीड़ितों का कहना है कि इससे पहले भी दबंग लोगों ने उनके साथ मारपीट की है लेकिन उनके पिता पुलिस में है इसलिए कोई कार्यवाई नहीं होती है।
यह पूरा मामला थाना ट्रांसयमुना के इंदिरा ज्योति नगर का है। घायल हुई युवती ने बताया कि वह पिता की दुकान से कोलगेट लेकर घर लौट रही थी। तभी घर के पास खड़े युवकों ने उसे पकड़ लिया और बदनीयत से घर के अंदर ले जाने लगे। शोर मचाने पर उसके साथ मारपीट की गयी और घर में ले जाकर उसके सीने के साथ छाती पर काटने और जबरदस्ती करने लगे। घटना जानकर मां उसे बचाने आई तो दबंगों ने मां को भी पकड़ लिया और मां के साथ भी वही करने लगे जो मेरे साथ कर रहे।
युवती के भाई ने बताया कि बहन की चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर जब उसने छत से नीचे की ओर देखा तो पड़ोसी दबंग उसे खींच कर ले जा रहे थे। यह देखकर वह तुरंत नीचे की ओर भागा और अपनी बहन को बचाने लगा तो पीछे से दबंगों ने हमला कर दिया और उसके सिर पर लोहे की रोट मार दी जिससें उसका सिर फट गया और वह गिर गया।
पिता भागे अपनी दुकान छोड़कर
पीड़िता के पिता मुकेश ने बताया कि जब यह घटना हुई तो वह दुकान पर मौजूद थे। उनकी परचून की दुकान है और उसी से वह अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। इस घटना की जानकारी होते ही वह तुरंत दुकान छोड़कर घर पर भागे तो घर पर सभी लहूलुहान थे। दबंग लोग परिवार के लोगों को पीट रहे थे। मैंने जब सब को रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने मुझ पर भी हमला बोल दिया।
पीड़ित मुकेश और हरिओम ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी दबंग पड़ोसी कई बार मारपीट कर चुके हैं। पुलिस से शिकायत करते हैं तो पुलिस कोई सुनवाई नहीं करती क्योंकि दबंग युवकों के पिता खुद पुलिस में है। खाकी खाकी के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाती बल्कि कार्रवाई के नाम पर हम लोगों को कहलाती रहती है इसी का नतीजा है कि दबंग लोगों ने आज बेटी को भी नहीं बख्शा।
इस झगड़े के बाद दूसरा पक्ष भी अपने घायलों को लेकर जिला अस्पताल मेडिकल कराने के लिए पहुंचा था। दूसरे पक्ष के तीन लोग भी इस झगड़े में घायल हुए हैं। दूसरे पक्ष के विशाल ने बताया कि मामला छेड़खानी या लड़की को गलत नीयत से दबोचने का नहीं है बल्कि मामला गली में गाड़ी खड़ी करने को था। दूसरा पक्ष गली में गाड़ी खड़ी नहीं होने दे रहा था। बीती रात गाड़ी का शीशा भी तोड़ दिया। इसी बात को लेकर वाद विवाद हुआ था तो दूसरे पक्ष के लड़के ने हाथ छोड़ दिया। अपने आप को बचाने और आत्मरक्षा के लिए हमको झगड़ा करना पड़ा। दूसरा पक्ष जो आरोप लगा रहा है उसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। हम सभी पढ़े लिखे हैं, नारी का सम्मान भी करते हैं।
थाना पुलिस के अनुसार इस मामले में कार्रवाई करने में जुटी हुई है। दोनों पक्ष के तीन-तीन लोग घायल हुए थे जिनका मेडिकल कराया गया है। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया मामला गाड़ी के शीशा तोड़ने पर विवाद होने का है। दोनों पक्ष की ओर से तहरीर मिली है।