आगरा। आज शुक्रवार को आयुक्त सभागार में हुई आगरा मंडलीय विकास कार्य समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी निर्माण कार्यों में बरती जा रही लापरवाही और धीमी कार्य प्रगति पर खासा नाराज दिखाई दी। छोटे-छोटे काम पूरे न होने की वजह से अधिकतर कार्य लंबित हैं। कई निर्माण कार्यों की प्रक्रिया बहुत धीमी चल रही है। पिछली समीक्षा बैठक में भी काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन उसमें कोई सुधार नहीं दिखाई दिया। संरक्षित गौशाला की दुर्दशा, सरकारी अस्पतालों में दवाइयां की उपलब्धता, कस्तूरबा विद्यालय सहित समस्त सरकारी स्कूलों की जर्जर व्यवस्था, सड़क-सेतु निर्माण कार्य में धीमी प्रगति और आइजीआरएस जनसुनवाई में लापरवाही जैसे आदि विषयों को लेकर मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को आड़े हाथों लिया।
सरंक्षित गौशाला व्यवस्था में खानापूर्ति बर्दाश्त नहीं
बैठक की शुरुआत में चारों जनपदों की संरक्षित गौशाला से संबंधित रिपोर्ट पेश की गई। मंडल में लगभग 227 गौशाला वर्तमान में क्रियाशील है। नर और मादा गौ वंश के लिए अलग-अलग गौशालाएं भी तैयार की गई है जिसमें आगरा, फिरोजाबाद और मथुरा में चार-चार गौशालाएं बन चुकी है जबकि मैनपुरी में प्रयास जारी है। इस पर मंडलायुक्त ने कहा कि गौशाला में व्याप्त अव्यवस्थाओं से संबंधित लिखित में कई रिपोर्ट हैं। प्रशासनिक निरीक्षण के दौरान लगभग सभी गौशालाओं में दुर्व्यवस्था मिली थी। जिसमें दोषियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गयी। नई गौशालाओं पर आपका ध्यान है लेकिन जो पहले से ही बन चुकी है उसमें अच्छी व्यवस्था नहीं है। बारिश के दिनों में और भी ज्यादा हालत खराब हो जाते हैं। यह खानापूर्ति बर्दाश्त नहीं होगी।
गोल्डन कार्ड का लाभ नहीं ले पा रहे ग्रामीण
51 लाख परिवारों में कम से कम एक गोल्डन कार्ड पहुंच चुका। 43 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर चुके हैं। पिछले एक महीने में मंडल में 1.12 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बने हैं। गोल्डन कार्ड धारकों की सूची के बारे में पूछा तो अधिकारी जवाब न दे सके। रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी संख्या ऐसी थी जो गोल्डन कार्ड धारक थे लेकिन उन्होंने इस योजना का लाभ नहीं लिया। मंडलायुक्त ने इसकी जांच कराने और आवश्यक पड़ने पर गोल्डन कार्ड के लाभ के प्रति जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए।
हॉस्पिटल को बनाएं पब्लिक के लिए यूजेबल
चारों जनपदों की स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी रिपोर्ट में सामने आया कि आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं लेकिन मैनपुरी में सीटी स्कैन की सुविधा बंद है। संबंधित समस्या का तत्काल समाधान कराते हुए सीटी स्कैन की सुविधा शुरू कराने के निर्देश दिए, साथ ही सभी सरकारी अस्पताल पीएचसी और सीएचसी में चिकित्सक और स्टाफ की उपलब्धता, सभी मेडिकल इक्विपमेंट का सुचारू रूप से इस्तेमाल के निर्देश दिए। सभी जिला अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता की जानकारी के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले लगाने और नियमित अपडेट करने के निर्देश दिए जिससे मरीजों को समुचित उपचार मिल सके। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की भी सुचारू व्यवस्था बनाये रखने को कहा।
गर्भवती महिलाओं की हो कॉउंसलिंग
बाल विकास एवं पुष्टाहार के अंतर्गत पेश की गई मंडलीय रिपोर्ट से भी मंडलायुक्त संतुष्ट नहीं दिखी। क्योंकि पिछले माह की अपेक्षा लाभार्थी की संख्या में कुछ खास इज़ाफ़ा नहीं था तो वहीं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य आंकड़ों में कोई ज्यादा सुधार नहीं दिखाई दिया। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं की अच्छे से कॉउंसलिंग की जाए जिससे वे पौष्टिक आहार लेने के साथ-साथ उन्हें उपलब्ध कराई जाने वाली विटामिन की दवाइयां का नियमित सेवन करें।
गौरतलब है कि आगरा मंडल के समुचित विकास एवं नए रोजगार सृजन के लिए बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन आगरा के आसपास 1500 एकड़ की जमीन न मिलने से हांगकांग की एक बड़ी कंपनी यहां निवेश न कर सकी। पिछली मीटिंग में भी लैंड बैंक के लिए प्रयास करने को कहा गया था। इसे लेकर मंडलायुक्त ने लीगल पॉलिसी और एनओसी की प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ-साथ आगरा अथॉरिटी, यूपीडा एवं फिरोजाबाद ऑथोरिटी के साथ मिलकर बड़ी जमीन तलाशने के निर्देश दिए।
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को फटकार
समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त खास तौर से पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम के अधिकारियों के प्रति काफी नाराज दिखाई दी। पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक पीडब्ल्यूडी को पूरे मंडल में लगभग 153 सड़क बनानी है। जिसमें से सिर्फ 12 सड़कों का निर्माण ही पूरा हो पाया है। वहीँ मंडल में 15 सेतु बनने हैं जिसमें से सिर्फ एक सेतु का ही काम पूरा हुआ है। यह सभी प्रोजेक्ट पिछले एक डेढ़ साल से चल रहे हैं जिन्हें आगामी वर्ष मार्च 2024 तक हर हाल में पूरा करना है। पिछली समीक्षा बैठक में सभी सड़कों का सर्वे करने और प्रत्येक जनपद का ग्राफ आईडेंटिफाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन उस पर अमल नहीं किया।
वहीँ सेतु निगम इकाई द्वारा मंडल में 11 सेतु का निर्माण करना है लेकिन उनमें से अभी तक एक भी सेतु का निर्माण कार्य शत प्रतिशत नहीं हुआ। कई प्रोजेक्ट एनओसी की वजह से अधर में लटके हैं जबकि कुछ प्रोजेक्ट के पास होने के बावजूद उनका टेंडर नहीं हुआ है। इतना ही नहीं, कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनकी समय सीमा पूरी हो चुकी है लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हुआ है।
गड्ढामुक्त एवं सड़कों के मरम्मत कार्य की धीमी प्रक्रिया पर भी मंडलायुक्त नाराज दिखीं। रिपोर्ट के मुताबिक मंडल में 2400 किलोमीटर लंबी सड़क को गड्ढा मुक्त बनाने का लक्ष्य है। जिसमें 627 किलोमीटर सड़क को गड्ढा मुक्त किया जा चुका है जबकि 443 किलोमीटर सड़क का नवीनीकरण हो चुका है। यह काम लगभग अक्टूबर माह तक पूरा होना था लेकिन इसे अब नवंबर तक कर दिया गया। सड़कें वास्तव में गड्ढा मुक्त हो चुकी हैं या नहीं, इनका निरीक्षण हुआ या नहीं, नई प्रस्तावित सड़क की जरूरत है या नहीं, मंडलायुक्त महोदया के इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं थे।
विशेषकर मथुरा के मार्ग चौड़ीकरण, कच्चे मार्ग को विकसित और इंटरलॉकिंग इत्यादि को लेकर मंडलायुक्त ने पीडब्ल्यूडी अधिकारी को रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजने के निर्देश दिए। इसके अलावा जितने भी पेंडिंग रिपोर्ट, प्रस्तावित प्रोजेक्ट हैं उन सभी की जांच कर डाटा तैयार कर शासन को अवगत कराने को निर्देश दिए।
घर-घर गंगाजल पहुंचाने को प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश
गंगाजल प्रोजेक्ट के तहत इस समय मथुरा को 25 एमएलडी जबकि आगरा को 370 एमएलडी गंगाजल सप्लाई हो रहा है लेकिन यह गंगाजल पूरे आगरा शहर को क्यों नहीं मिल रहा है। अभी आगरा के 53% भाग में गंगाजल की सप्लाई हो रही है। पहले चरण में बिंदु कटरा के 11 वार्ड में 24 घंटे गंगाजल सप्लाई के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है जिसके शासन से स्वीकृत होने का इंतजार है। लेकिन मंडलायुक्त ने पूरे आगरा को घर-घर गंगाजल पहुंचाने के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजने के निर्देश दिए।
इसके अलावा बैठक में पंचायती राज के अंतर्गत सभी पंचायती भवनों के निर्माण कार्य को पूरा करने, ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को पीएम आवास योजना का लाभ दिलाने, आदर्श गांव बनाने और राशन कार्ड धारकों को उचित राशन उपलब्ध कराने के भी मंडलायुक्त ने निर्देश दिए। वृंदावन के नदी किनारे घाटों के जीर्णोद्धार के काम में तेजी लाने को कहा।
अटल आवासीय योजना के अंतर्गत विद्यालय निर्माण में देरी को लेकर मंडलायुक्त ने ढिलाई न बरतने और काम में तेजी लाने के निर्देश दिए।
बैठक के अंत में मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने अभी हाल में बाल संरक्षण केंद्र में हुई घटना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा सामने ना आए। वहां रहने वाले बच्चों की काउंसलिंग भी की जाए। कस्तूरबा विद्यालय के निरीक्षण के दौरान उन्हें कम बच्चे उपस्थित मिले, वहीं दूसरी ओर जांच करने पर पता चला कि पंजीकृत सूची में बच्चों के नाम कुछ और है और विद्यालय में आने वाले बच्चों के नाम कुछ और। यह सब लापरवाही नहीं चलेगी।
समीक्षा बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी जिले के जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, सीडीओ के अलावा विकास प्राधिकरण, पीडब्ल्यूडी, जल निगम, सेतु निगम, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग आदि विभागों के समस्त अधिकारी मौजूद रहे।