आगरा: अपने वन्यजीव संरक्षण की पहल को जारी रखते हुए वाइल्डलाइफ एसओएस ने आवारा कुत्तों द्वारा घायल किये गए एक नर चीतल हिरण को बचाया। यह घटना आगरा के किरावली छेत्र स्थित मलिकपुर गांव में हुई, जहां कुत्तों के एक झुंड से बचने को भागते हुए हिरण ने गांव में शरण ली। अपनी जान बचाने के दौरान जानवर के पिछले पैरों पर कई खरोंच के घाव आए थे।
हिरण की सुरक्षा को लेकर चिंतित ग्रामीणों ने सहायता के लिए उत्तर प्रदेश वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस से संपर्क साधा। वाइल्डलाइफ एसओएस की रैपिड रिस्पांस टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और घायल हिरण को सावधानीपूर्वक तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए उनके ट्रांजिट फैसिलिटी में ले आई।
वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप निदेशक, डॉ. एस. इलियाराजा, ने बताया, “कुत्ते के हमले से हिरण के शरीर पर कई जगह खरोंच के निशान थे। हमारी पहली चिंता संक्रमण को रोकने और दर्द को कम करने के लिए घावों को साफ करना और पट्टी बांधना था। हिरण को कड़ी चिकित्सा निगरानी में रखा गया और चार दिनों तक हमारी देखरेख में उसका इलाज किया गया।
चार दिनों के उपचार और देखभाल के बाद, हिरण की चोटें ठीक हो गईं और बाद में उसे छोड़ने के लिए फिट करार दिया गया। वाइल्डलाइफ एसओएस ने वन विभाग के सहयोग से चीतल हिरण को उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण, ने कहा, “ग्रामीणों की त्वरित प्रतिक्रिया से इस जानवर की जान बच गई। यह घटना वन्यजीवों के प्रति सामुदायिक जागरूकता और सहानुभूति के महत्व को रेखांकित करती है। हम उनके जिम्मेदार व्यवहार की सराहना करते हैं।”
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी, ने कहा “दुर्भाग्य से, इस तरह की घटनाएं तेजी से आम होती जा रही हैं, क्योंकि वन्यजीवों के आवास लगातार कम होते जा रहे हैं। स्थानीय समुदायों को इस बारे में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है कि संघर्ष को कम करने और लोग और जानवर दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसी स्थितियों में प्रभावी ढंग से कैसे प्रतिक्रिया दी जाए।”
वाइल्डलाइफ एसओएस कई राज्यों में 24/7 बचाव हेल्पलाइन संचालित करता है और भारत के वन्यजीवों की रक्षा, उनके प्राकर्तिक आवास का संरक्षण और संकटग्रस्त जानवरों की देखभाल के लिए काम करता है।