आगरा। दयालबाग क्षेत्र में रहने वाले माता और पुत्र, नम्रता मिश्रा और अक्षर मिश्रा को कल शाम एक साथ हरयाणा के फरीदाबाद में कर्मवीर चक्र से पुरुस्कृत किया गया। अधिवक्ता नम्रता मिश्रा पिछले 14 वर्षों से आगरा में वकालत कर रही हैं। वह 2019 में भी करमवीर चक्र पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। इस साल उन्हें फिर से कर्मवीर चक्र पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार बाल अधिकारों, पॉस्को, पॉश और संबंधित कानूनों पर 558 कानूनी साक्षरता कार्यशालाओं के माध्यम से पूरे भारत में 900,000 से अधिक बच्चों, शिक्षकों, माता-पिता और महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके जीवन में प्रभाव पैदा करने में उनके सराहनीय कार्य के लिए दिया गया।
वहीं अक्षर मिश्रा, प्रील्यूड पब्लिक स्कूल में कक्षा नौवीं का छात्र है। अक्षर भारत के सबसे युवा लेखकों में से एक हैं। उन्होंने 2019 में 8 साल की उम्र में अपनी पहली किताब, “डोजेन स्परिंग टेल्स” लिखी। इस किताब को संवेदनशील विषयों, कहानी कहने की विशेषज्ञता और अद्वितीय चित्रण के लिए काफी सराहना मिली। उनकी दूसरी पुस्तक “द वर्ल्ड ऑफ मैजिकल पॉवर्स” वर्ष 2023 में प्रकाशित हुई। इस पुस्तक ने बच्चों और वयस्कों दोनों के पाठकों को समान रूप से आकर्षित किया। उन्हें रेक्स कर्मवीर चक्र (कांस्य) प्राप्त हुआ और उन्हें रेक्स कर्मवीर ग्लोबल स्टोरी टेलिंग फ़ेलोशिप के ब्रांड एंबेसडर के रूप में भी चुना गया है, जिसे दुनिया भर के स्कूलों में लॉन्च किया गया है।
कर्मवीर चक्र पुरस्कार वैश्विक नागरिक सम्मान है। यह संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी में एनजीओ के अंतर्राष्ट्रीय परिसंघ द्वारा दिया जाता है। यह पुरस्कार भारत के 11वें राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने करमवीर चक्र पुरस्कारों और अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी ओलंपियाड के लिए राजदूत बनने की पेशकश की थी। ये पुरस्कार हर साल 26 नवंबर के आस पास दिए जाते हैं, जिस दिन भारत ने 1949 में एक गणतंत्र के रूप में अपनी संवैधानिक प्रतिज्ञा को अपनाया था।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.