आगरा: ताजमहल के निकट शिल्पग्राम में 31वें ताज महोत्सव का रंगारंग शुभारम्भ हो गया। कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, मंडलायुक्त अमित गुप्ता एवं जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। शिल्पकारों के स्टॉलों का अवलोकन किया। खरीदारी कर शिल्पकारों का उत्साहवर्धन किया। इस वर्ष ताज महोत्सव की थीम “विश्व बन्धुत्व“ पर आधारित कलाकारों द्वारा ‘लेकर मन में भाव विश्व बन्धुत्व का, हमने प्रेम के सदा तराने गाए हैं‘ गीत की मनमोहक प्रस्तुति की गई। यह आयोजन भारतीय कला, संस्कृति, व्यंजन एवं हस्तशिल्प का अनूठा संगम है।
ताज महोत्सव-2023 में विभिन्न प्रांतों के लगभग 300 शिल्पी अपने-अपने शिल्प का प्रदर्शन एवं बिक्री करने आये हैं, जिसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एण्ड कश्मीर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के वाराणसी, मेरठ, भदोही, सहारनपुर आदि जनपदों के शिल्पी प्रमुख रूप से प्रतिभाग कर रहे हैं। इन शिल्पियों के बेहतरीन शिल्प जैसे आंध्र प्रदेश व बिहार का सिल्क एवं ड्रेस मैटीरियल, जम्मू कश्मीर का सूट एवं शाल, वाराणसी का सूट एवं साड़ी, पिलखुआ का बेडशीट, सहारनपुर का फर्नीचर, खुर्जा की पोटरी, फरीदाबाद का टेराकोटा, भदोही का कालीन इत्यादि महोत्सव में आने वाले दर्शकों को आकर्षित करेंगे।
महोत्सव में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच पर प्रदेश एवं देश के अन्य स्थानों से आए हुए कलाकारों द्वारा प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन कार्यक्रमों में कला के सभी विधाओं यथा शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, सूफी भक्ति, लोक-कला, नाटय कला के साथ-साथ बॉलीवुड कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है, जिससे कि अधिकाधिक संख्या में दर्शकगण मेले में प्रतिभाग कर आनन्द लेंगें। इसके साथ ही शहर में अन्य स्थानों पर भी विभिन्न मंचों पर यथा सदर बाजार, सूरसदन, एडीए जोनल पार्क चौपाटी ताजनगरी तथा एडीए सेल्फी प्वाइन्ट आगरा ट्राइडेन्ट तिराहे पर आयोजित किया जा रहा है। इन स्थानों पर विभिन्न गतिविधियों यथा सांस्कृतिक कार्यक्रम, बैंड प्रस्तुति तथा नाटक इत्यादि आयोजन किये जायेंगे। यह कार्यक्रम दर्शकों को आकर्षित करेंगे।
मन्त्री योगेन्द्र उपाध्याय ने अपने उदबोधन में कहा कि इसवर्ष ताज महोत्सव “विश्वबन्धुत्व“ आधारित थीम पर आयोजित किया जा रहा है, हमारी संस्कृति के अनुसार विश्व ही परिवार है, जिस प्रकार हम अपने परिवार को संजोये रखते हैं, इसी प्रकार हम विश्व को एक समान देखते हैं। उन्होंने कहा कि जनपद का सौभाग्य है कि यहां विश्व धरोहर है और जनपद में इसके अतिरिक्त स्थित पौराणिक नगरी बटेश्वर के शिव मन्दिरों की श्रंखला तथा शौरीपुर के जैन तीर्थ स्थल भी पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक श्रद्धा के केन्द्र हैं, यहां देश-विदेश से अत्यन्त पर्यटक व धार्मिक श्रद्धालु आते हैं, इससे देश, प्रदेश व स्थानीय लोगों को अत्यंत रोजगार प्राप्त होता है और शिल्पियों की स्वप्न नगरी आगरा एक विश्वदाय नगरी है।
उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में स्थानीय शिल्पियों के अलावा अन्य स्थानों से भी शिल्पी प्रतिभाग कर रोजगार उत्पन्न करते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। साथ उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि आगरा बृज क्षेत्र की नगरी है, इस नगरी में बृज क्षेत्र व भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है, संस्कृति किसी भी समाज का प्राण होती है और इसे अक्षुण्ण बनाये रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि इस पर्यटन नगरी में शासन के प्रयास से ताज महोत्सव तथा शहर के अन्य स्थानों पर भारतीय संस्कृति को दीवारों पर कलाकारों द्वारा चित्र प्रदर्शनी बनाकर दर्शाया गया है, दीवारों पर बनी चित्र प्रदर्शनी को दर्शकों द्वारा बड़े उत्साह के साथ अवलोकन किया जा रहा है, दर्शक इसका खूब आनन्द ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने ताज महोत्सव में आने वाले शिल्पकारों तथा दर्शकों को बधाई दी।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा- वर्तमान समय में पर्यटन एक अग्रणी उद्योग का स्वरूप ले चुका है। आगरा में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में देशी एवं विदेशी पर्यटकों का आवागमन रहता है, जिससे न केवल देश व प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि आगरा में ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी भी यूनेस्को द्वारा विश्वदाय स्मारक (वर्ल्ड हेरीटेज साइट्स) घोषित हैं, इसके अतिरिक्त दो अन्य महत्वपूर्ण स्मारकों एत्मादउद्दौला और सिकन्दरा को भी विश्वदाय स्मारक घोषित कराने हेतु शासन द्वारा यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
उन्होंने कहा कि आगरा का सौभाग्य है कि जनपद में इसके अतिरिक्त स्थित पौराणिक नगरी बटेश्वर के शिव मन्दिरों की श्रंखला तथा शौरीपुर के जैन तीर्थ स्थल भी पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक श्रद्धा के केन्द्र हैं। यहां देश-विदेश से अत्यन्त पर्यटक व धार्मिक श्रद्धालु आते हैं।
उन्होंने कहा कि इस ताज महोत्सव के माध्यम से हमारा प्रयास है कि देश-प्रदेश के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत तथा हस्तशिल्प एवं लोक कला की झाँकी विश्व पटल पर प्रस्तुत हो, इससे जनपद पर्यटक बढे़गा, जिससे स्थानीय स्तर के लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। पर्यटन नगरी आगरा में ताज महोत्सव का आयोजन वर्ष 1992 से निरन्तर रूप से किया जा रहा है। महोत्सव की श्रंखला में इस वर्ष का महोत्सव 31वें ताज महोत्सव के रूप में आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव का उद्देश्य भारत की संस्कृति, शिल्प कला एवं व्यंजनों का समुचित प्रचार-प्रसार कर आगरा एवं देश के पर्यटन को बढ़ावा देना, विभिन्न प्रदेशों के मध्य सांस्कृतिक आदान प्रदान सौहार्द एवं सामंजस्य स्थापित करना तथा देश के विभिन्न प्रांतों के शिल्प का प्रदर्शन एवं बिक्री कर हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहित करना है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकन्डन, नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे, एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) यशवर्धन श्रीवास्तव एवं आगरा होटल एवं रेस्टोरेन्ट ऑनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
-up18news
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