आगरा: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आगरा स्थित प्रधान डाकघर के सीनियर पोस्ट मास्टर और जनसंपर्क निरीक्षक को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इन पर रिश्वत के तौर पर 20 हजार रुपये की पहली किस्त लेने का आरोप है।
सीबीआई ने दोनों आरोपितों के आगरा और मथुरा स्थित आवासीय परिसरों की तलाशी ली, जहां से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। सीबीआई के सूचना अधिकारी ने आज शनिवार (22 जून) को यह जानकारी दी ।
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, प्रतापपुरा स्थित हेड पोस्ट आफिस में तैनात एक कर्मचारी ने सीबीआई से शिकायत की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि 25 अप्रैल 2024 को उसका स्थानांतरण प्रधान डाकघर से आगरा फोर्ट प्रधान कार्यालय में कर दिया गया। उसके खिलाफ एक विभागीय जांच भी लंबित थी। कर्मचारी ने आरोप लगाया कि सीनियर पोस्ट मास्टर देवेंद्र कुमार ने अवैध रूप से रुपये की मांग की। शिकायतकर्ता के खिलाफ लंबित विभागीय जांच में अनुकूल रिपोर्ट और निर्णय देने, नए तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने से राहत देने के एवज में उससे रिश्वत की मांग पब्लिक रिलेशन इंस्पेक्टर के माध्यम से की थी। शिकायतकर्ता से पहले एक लाख रुपये मांग की गई थी, जिसे बाद में कम करके 50 हजार रुपये में मामला सेट किया गया।
पहली किश्त में ली 20 हजार की रकम
सीबीआई ने शिकायत मिलने पर जाल बिछाया। शुक्रवार को रिश्वत की रकम लेकर शिकायतकर्ता पब्लिक रिलेशन इंस्पेक्टर के पास पहुंचा और 20 हजार रुपये दे दिए। सीबीआई की टीम ने पहले पब्लिक रिलेशन इंस्पेक्टर को दबोचा। उसके बाद सीनियर पोस्ट मास्टर को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने आगरा और मथुरा में दोनों आरोपियों के आवासों की भी तलाशी ली है। सीबीआई की तलाशी में कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को सीबीआई टीम ने गाजियाबाद कोर्ट में शनिवार को पेश किया है।
यह पहला मामला नहीं है
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब भारतीय डाक विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों। इससे पूर्वी कई बार पोस्टल डिपार्टमेंट के कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई हुई है।
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