आगरा। सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ महीने भर से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने अपना अनशन आज समाप्त कर दिया। सुरक्षा ग्रामीण आवासीय समिति के निवर्तमान सचिव केपी यादव के बाद सहकारी समितियों के गोदामों में निर्माण करने वाले ठेकेदार के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज होने के बाद किसान नेता ने अपना अनशन तोड़ दिया।
सहकारी आवासीय समिति के निवर्तमान सचिव केपी यादव पर मुकदमा एक दिन पहले ही दर्ज हो गया था, लेकिन किसान नेता ने इसके बाद भी अनशन नहीं तोड़ा था। उनकी एक मांग यह भी थी कि सहकारी समितियों के गोदामों में निर्माण कार्यों में हो रहे घपले के दोषियों पर भी मुकदमा दर्ज कराया जाए।
प्रशासन ने कल शाम को सहकारी समितियों के गोदामों में निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार के खिलाफ भी मुकदमा लिखवा दिया। इधर श्याम सिंह चाहर की 85 वर्षीय मां मुक्ता देवी, बहन उर्मिला देवी समेत कई बुजुर्गों ने भी विकास भवन के सामने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। इससे प्रशासन में बेचैनी थी।
दोपहर में सिटी मजिस्ट्रेट और कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य के प्रतिनिधि यशपाल राणा जिला अस्पताल में श्याम सिंह चाहर से मिले और कहा कि उनकी मांग पर आवासीय समिति के सचिव और निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई जा चुकी है। जहां तक सहायक निबंधक के खिलाफ कार्यवाही का सवाल है, उसके बारे में शासन को लिखा जा चुका है। उनके खिलाफ कार्यवाही शासन ही करेगा।
अधिकारियों के समझाने पर श्याम सिंह चाहर ने अपना अनशन खत्म कर दिया। सिटी मजिस्ट्रेट चौहान और मंत्री प्रतिनिधि राणा ने जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया।
श्याम सिंह चाहर के अनशन समाप्त करने पर कैबिनेट मंत्री बेबीरानी ने उनसे फोन पर बात कर इस बात के लिए बधाई दी कि उन्होंने सहकारिता की गड़बड़ियों को उजागर किया। सांसद एवं भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज कुमार चाहर ने भी फोन पर श्याम सिंह चाहर को भ्रष्टाचार के खिलाफ लम्बे संघर्ष के लिए बधाई दी और कहा कि सहकारिता विभाग के घोटाले के दोषियों को कड़ा दंड दिलाया जाएगा। विधायक चौधरी बाबूलाल ने भी श्याम सिंह चाहर से बात कर दोषियों को जेल भेजने की मांग की।