आगरा। रिटायर्ड प्रिंसिपल के साथ मारपीट करने के मामले में पीड़ित की तहरीर पर थाना पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर पीड़ित की शिकायत पर अदालत के आदेश पर डीआईओएस समेत दस नामजद और आधा दर्जन अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में डीआईओएस ने खुद के द्वारा दी गई तहरीर और वीडियो पर कार्रवाई न होने का आरोप लगाया है।
रिटायर्ड प्रिंसिपल ओम प्रकाश शर्मा प्रधानाचार्यों का संगठन चलाते हैं। उन्होंने बताया की उनके द्वारा कुछ प्रधानाचार्यों के गलत निलंबन के खिलाफ शिकायत की गई थी। आठ फरवरी को जब वो शिक्षा भवन में अपनी शिकायत के बारे में जानकारी करने गए तो डीआईओएस मनोज कुमार, एडीआईओएस पी के मौर्या, परीक्षा प्रभारी अतुल, सुशील लवानिया, पुनीत रायजादा, अंशुल तोमर, अजीत सिंह, कपिल, तेज प्रकाश और सतेंद्र व 1 दर्जन अज्ञात ने उनके साथ मारपीट की और जब वो पुलिस से शिकायत करने गए तो पुलिस ने कोई कार्रवाई न करते हुए उन्हें ही धमकाया।
पीड़ित द्वारा इस बात पर 156/3 के तहत न्यायालय में वाद दाखिल किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने शिकायत को संगेय अपराध मानते हुए थाना शाहगंज पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। थाना प्रभारी जितेंद्र ने बताया की न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना की जा रही है। बयान और साक्ष्यों के आधार पर विधिक कार्रवाई की जायेगी।
शिकायत से बौखलाए थे डीआईओएस
वादी ओमप्रकाश शर्मा ने आरोप लगाया है की उन्होंने डीआईओएस द्वारा संस्था प्रबंध तंत्रों से साठगांठ कर प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताएं करने और गलत तरह से प्राचार्यों के निलंबन की शिकायत मुख्यमंत्री और कमिश्नर अमित गुप्ता से की थी। पीड़ित की शिकायत का संज्ञान लेकर एडीएम सिटी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई और जांच शुरू की गई। सुनवाई के दौरान डीआईओएस ने कई बार गुस्सा दिखाया और कागज तक फेंक दिए। आठ फरवरी को जब वो अपनी शिकायत की प्रगति के बारे में जानकारी करने शिक्षा विभाग गए तो विपक्षियों ने उनके साथ मारपीट कर दी।
डीआईओएस ने दिया जवाब
मामले में डीआईओएस मनोज कुमार का कहना है की ओमप्रकाश शर्मा द्वारा उन पार दबाव बनाकर काम करने का प्रयास किया गया था और इस बात के वीडियो साक्ष्य के साथ उन्होंने थाना पुलिस से शिकायत की थी और पुलिस ने अभी तक कार्रवाई नहीं की है। पुलिस जांच में सभी साक्ष्य पेश कर कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।