आगरा: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य हरद्वार दुबे का निधन हो गया है। वे 74 वर्ष के थे। पार्टी, परिजनों और परिचितों में शोक की लहर है। हरद्वार दुबे भाजपा के पांच पांडवों में से आखिर पांडव बचे थे। हरद्वार दुबे से पहले राजकुमार सामा, भगवान शंकर रावत, रमेशकांत लवानिया, सत्य प्रकाश विकल का निधन हो चुका है। इन सबको भाजपा का पांच पांडव कहा जाता था। आगरा में जनसंघ और भाजपा की जड़ें जमाने का श्रेय इन्हें ही दिया जाता है।
भाजपा नेता केपी सिंह फौजदार ने प्रातः 5.50 बजे फोन पर बताया कि हमारे नेता हरद्वार दुबे नहीं रहे। फिर प्रांशु दुबे के मोबाइल पर फोन किया तो पता चला कि उनका निधन दिल्ली में प्रातः 4.30 बजे हुआ है। वहां से उनका पार्थिव शरीर आगरा के लिए लाया जाएगा। इसके बाद तय होगा कि अंतिम संस्कार कब और कहां होगा।
आपको बता दें कि हरद्वार दुबे हरद्वार दुबे का जन्म 1 जुलाई, 1949 को हुसैनाबाद, बलिया, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने आगरा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में संगठन मंत्री के रूप में काम किया। उनका विवाह प्रोफेसर कमला पांडे से हुआ। वे भी कई वर्ष से अस्वस्थ चल रही हैं। अजंता कॉलोनी, धौलपुर हाउस, आगरा में उनका स्थाई आवास है।
हरद्वार दुबे ने 1989 में आगरा छावनी से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी रहे। उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ. कृष्णवीर सिंह कौशल को हराया था। 1991 में फिर से विधायक बने और कल्याण सिंह की सरकार में वित्त राज्यमंत्री बनाए गए। वर्ष 2005 में खेरागढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन सफलता नहीं मिली। 2011 में आगरा-फिरोजाबाद विधान परिषद सीट से चुनाव हार गए। 2013 में भाजपा उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता बनाए गए। 26 नवम्बर 2020 को उन्होंने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली थी। वे तीन वर्ष भी सांसद नहीं रह पाए।
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.