Agra News: राशन कालाबाजारी में बड़ी कार्यवाई, आरोपों में घिरीं एडीएम को राजस्व परिषद लखनऊ संबद्ध किया गया

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आगरा में एक ऐसे घोटाले का पर्दाफाश हुआ है जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। आरोप आगरा में एक पीसीएस अधिकारी पर है जो वर्ष 2022 में ही आगरा में अपर जिला मजिस्ट्रेट (नागरिक आपूर्ति) के पद पर तैनात हुई है। उन्हें नौकरशाही की दुनिया में एक सम्मानित चेहरा माना जाता था, ने गरीबों के हिस्से का राशन अन्य राज्यों में बिकवाकर अपनी व रिश्तेदारों की जेब गर्म करने का घिनौना खेल खेला है।

मिली जानकारी के अनुसार एक आरोपी द्वारा आगरा अपर जिला मजिस्ट्रेट (नागरिक आपूर्ति) का अर्दली गौरव शर्मा की मदद से बड़े पैमाने पर चावल की कालाबाजारी का खेल खेला जा रहा था। इस मामले की शिकायत मिलने पर प्रशासन ने छापेमारी की और कई लोगों को गिरफ्तार किया। डीएसओ आगरा संजीव सिंह ने इस मामले में छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। गौरव शर्मा की इस मामले में संलिप्तता पाए जाने पर उसे पहले ही निलंबित किया जा चुका है। एडीएम के पति जो की एक अन्य पीसीएस अधिकारी हैं, व वर्तमान में ही उत्तर प्रदेश के हाथरस में तैनात हैं। आरोप है कि एडीएम अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निरीक्षकों पर दबाव डालती थी ताकि वे उनके रिश्तेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब इस घोटाले की जानकारी शासन को मिली तो हड़कंप मच गया। शासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राजस्व परिषद कार्यालय लखनऊ से उन्हें संबद्ध किया गया है और उनकी जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि सुशीला अग्रवाल अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निरीक्षकों पर दबाव डालती थी ताकि वे उनके इस खेल में कोई बाधा न डालें।

सुशीला अग्रवाल के खिलाफ यह कार्रवाई शासन की सख्ती का एक उदाहरण है। गौरतलब है कि सुशीला अग्रवाल इससे पहले मथुरा की अपर आयुक्त रह चुकी हैं और उनके खिलाफ यह आरोप भी लगा था कि वे अपने दफ्तर देर से आती थीं। एक बार तो नगर आयुक्त ने उनके दफ्तर का दरवाजा बंद कर दिया था।

रिपोर्टर- मदन मोहन सोनी