Agra News: उपराष्ट्रपति की सुरक्षा घेरे तक बिना अनुमति एक औऱ भाजपा कार्यकर्ता पहुंचा था, प्रशासन ने लिया जांच के दायरे में

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आगरा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हालिया आगरा दौरे के दौरान हुए वीवीआईपी प्रोटोकॉल उल्लंघन का मामला ठंडा पड़ने का नाम नहीं ले रहा। बगैर अनुमति के एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया तक घुसकर उपराष्ट्रपति से सीधे संपर्क में आए अनधिकृत भाजपाइयों की संख्या अब तीन से बढ़कर चार हो गई है। प्रशासन ने चौथे नाम की पुष्टि होते ही उसे भी जांच के दायरे में ले लिया है।

यह पूरा मामला तब और गंभीर हो गया जब उपराष्ट्रपति सचिवालय ने इसे सुरक्षा में गंभीर चूक मानते हुए रिपोर्ट तलब की। यही नहीं, एक स्थानीय विधायक की शिकायत के बाद शासन ने भी इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एडीएम प्रोटोकॉल ने एयरफोर्स स्टेशन प्रशासन को पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि कैसे बिना पासधारी लोग उपराष्ट्रपति के निकटतम घेरे तक जा पहुंचे।

अब तक प्रशासन ने अपनी जांच तीन भाजपा कार्यकर्ताओं तक ही सीमित रखी थी, लेकिन हाल ही में जानकारी में आया कि एक और व्यक्ति ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर उप राष्ट्रपति का स्वागत करने की तस्वीरें पोस्ट की हैं। इसके बाद प्रशासन ने एयरफोर्स के सुरक्षा अधिकारी से इस चौथे व्यक्ति की फुटेज चेक कराई तो स्पष्ट हो गया कि यह एक माननीय की गाड़ी में सवार होकर उप राष्ट्रपति के पास तक पहुंच गया।

मामले में जिन तीन भाजपाइयों के नाम पहले ही सामने आ चुके हैं, उन्होंने अब चौथे की पोल खोल दी है। साथ ही सवाल उठाया जा रहा है कि क्या सिर्फ इसलिए उस पर कार्रवाई नहीं हो रही क्योंकि वह एक माननीय का पर्सनल असिस्टेंट है?

सूत्रों की मानें तो कुछ भाजपा जनप्रतिनिधि इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में डीएम से भी मिले थे। लेकिन डीएम ने स्पष्ट कह दिया कि यह मामला उपराष्ट्रपति सचिवालय से जुड़ा है और वे शासन को जानकारी देने से पीछे नहीं हट सकते।

इस पूरी घटना ने भाजपा के स्थानीय संगठन में हलचल बढ़ा दी है। पार्टी नेतृत्व इस बात से चिंतित है कि गाड़ियों में बिठाकर अनधिकृत लोगों को वीवीआईपी घेरे तक पहुंचाने वाले कार्यकर्ताओं की छवि खराब हुई है। भले ही इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई संभव न हो, लेकिन राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।

सबसे बड़ी बात यह है कि इन अनधिकृत लोगों के आगरा एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया तक पहुंचने से एयरफोर्स स्टेशन जैसे हाई सिक्योरिटी जोन में भी सेंधमारी है। सिर्फ प्रशासन के लिए नहीं, बल्कि भाजपा संगठन के लिए भी एक ‘प्रोटोकॉल अलर्ट’ है। अब देखना ये है कि जांच की आंच किसके करियर को झुलसाती है।