Agra News: आंबेडकर विवि के कर्मचारी का राज्यपाल को पत्र- “मुझे कुछ हो गया तो अधिकारी होंगे जिम्मेदार”

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आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के एक संविदा कर्मचारी की उच्च न्यायालय द्वारा दो बार दिशा निर्देश दिए जाने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। तमाम भागदौड़ के बाद परेशान होकर संविदा कर्मचारी रवि सक्सेना ने प्रदेश की राज्यपाल और विजिलेंस को पत्र लिखा है।

पत्र में रवि सक्सेना ने कहा कि उसकी दोनों किडनी खराब हैं। हफ्ते में तीन बार डायलिसिस होती है। इस चिंता में उसकी जिंदगी के दिन और कम हो रहे हैं कि उसके जाने के बाद परिवार का क्या होगा। रवि का आरोप है कि ऐसी स्थिति में भी विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा उसके साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। अगर उसे कुछ हो जाता है तो इसके जिम्मेदार पत्र में लिखे अधिकारी होंगे।

पत्र में रवि सक्सेना ने एक सहायक कुलसचिव पर गंभीर आरोप लगाया है कि वे उसे नियमित करने के नाम पर सुविधा शुल्क मांग रहे हैं। कुलपति, प्रति कुलपति को भी जिम्मेदार बनाया है। रवि का कहना है कि वर्ष 1999 में उसकी खंदारी परिसर स्थित आईईटी में डाटा एंट्री करने के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह पर हुई थी। वर्ष 2016 में उप्र शासन के शासनादेश के अनुसार वर्ष 2001 से पहले के संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाना था।

इस क्रम में विश्वविद्यालय ने सात जनवरी, 2022 को 22 तृतीय श्रेणी व 21 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश जारी किया। रवि का कहना है कि उसके साथ के सभी कर्मचारियों को रेगुलर कर दिया गया लेकिन उसे कहीं नियुक्ति नहीं दी गई। इस बारे में रवि ने कई बार प्रत्यावेदन भी दिया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कार्य परिषद की बैठक में भी चार कर्मचारियों के संबंध में चर्चा हुई, जिसमें से एक रवि खुद थे।

इसके बाद रवि ने उच्च न्यायालय की शरण ली। वहां से मार्च 2023 में आदेश हुए कि रवि के प्रत्यावेदन पर विश्वविद्यालय तीन सप्ताह में विधि अनुसार निस्तारण करे। लेकिन विश्वविद्यालय ने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया। आरोप है सहायक कुलसचिव सुविधा शुल्क मांगते रहे। रवि ने दोबारा से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिस पर फिर से आदेश हुए कि इस मामले को विश्वविद्यालय एक सप्ताह में निस्तारित करे। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विश्वविद्यालय ने चार सदस्यीय कमेटी बनाई, जिसमें सेवानिवृत्त जज, प्रति कुलपति अजय तनेजा, प्रो. यूसी शर्मा व एक अन्य सहायक कुलसचिव अनूप कुमार थे। इस कमेटी की बैठक में भी उनके बारे में निर्णय नहीं लिया गया।

रवि सक्सेना ने हार कर अब राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और विजिलेंस को शिकायती पत्र भेजा है। पत्र में स्पष्ट लिखा है कि अगर मुझे कुछ होता है तो विश्वविद्यालय के चार-पांच अधिकारी इसके जिम्मेदार होंगे। पत्र में कमेटी के सदस्यों के अलावा कुलपति को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। रवि का कहना है कि मेरी जिंदगी के कितने साल बचे हैं, मुझे नहीं पता। लेकिन मैं चाहता हूं कि मेरे जाने के बाद मेरे परिवार का भला हो जाए। विश्वविद्यालय मेरा साथ नहीं दे रहा है।

Compiled: up18 News