आगरा। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर आगरा एसोसिएशन ऑफ डेफ और कमिश्नरेट पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से एक अनोखी और महत्वपूर्ण पहल की गई। रिज़र्व पुलिस लाइन्स स्थित शहीद प्रशांत मेमोरियल हाल में ट्रैफिक पुलिस के लिए सांकेतिक भाषा (संकेत भाषा) प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, ताकि मूक-बधिर चालकों से संवाद को अधिक सहज, मानवीय और प्रभावी बनाया जा सके।
पुलिसकर्मी अब संकेत भाषा में कर सकेंगे संवाद
कार्यशाला में पुलिसकर्मियों को बुनियादी संकेत भाषा, सड़क पर बातचीत के सामान्य संकेत, दिशा पूछने व बताने के तरीके, तथा आपात स्थिति में संवाद के उपयोगी संकेत के बारे में प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के बाद पुलिसकर्मी उन परिस्थितियों को बेहतर ढंग से संभाल सकेंगे, जहां मूक-बधिर चालक किसी गाड़ी, दस्तावेज़ या ट्रैफिक नियमों से संबंधित जानकारी देना या लेना चाहें।
दुभाषिए ललिता गुप्ता और अभय छाबड़ा ने पूरे सत्र को सरल और स्पष्ट ढंग से संचालित किया, जिससे जवान संकेत भाषा को सहजता से समझ और सीख सके।
अनुभवों और चुनौतियों पर खुलकर बातचीत
सत्र में मूक-बधिर चालकों द्वारा यातायात व्यवस्था में आने वाली वास्तविक कठिनाइयों पर खुलकर चर्चा की गई।
पुलिसकर्मियों ने उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना और संकेत भाषा सीखने का उत्साह दिखाया। जवानों ने कहा कि वे इस नई भाषा का उपयोग रोज़मर्रा की ड्यूटी में करेंगे, ताकि ट्रैफिक प्रबंधन और अधिक संवेदनशील, सहयोगी और मानव-केंद्रित बन सके।
एसोसिएशन ने व्यक्त किया आभार
कार्यक्रम के सफल आयोजन पर आगरा एसोसिएशन ऑफ डेफ की ओर से मुकेश ककारिया, गौरव गोयल, विकास, श्रीमती टीना, श्रीमती पूजा और अंशु गुप्ता ने पुलिस कमिश्नरेट आगरा को इस संवेदनशील और उपयोगी पहल के लिए धन्यवाद दिया।

