आगरा। अग्रिवीर बनने का सपना लेकर मध्यप्रदेश से आगरा आये युवक का इरादतनगर पुलिस ने खनन माफिया बताकर एनकाउंटर कर दिया था। दो महीने चले इलाज के बाद युवक की मौत हो गई थी। युवक ने परिजनोंं को मरने से पहले घटना के बारे में बताया था। पुलिस ने गलत एंकाउंटर किया है। इसकी सूचना अधिकारियों को दी, लेकिन तत्कालीन एसएसपी ने उनकी बात को नहीं माना और मुठभेड़ को सही बताया था। युवक के परिजन कोर्ट गये और गुरूवार को मामले में आदेश हुए हैं कि अज्ञात पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्जकर स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाई जाये। मामले में आगरा पुलिस की गर्दन फंसना तय है।
क्या है मामला
मामला सिकंबर 2022 का है। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के गांव गडौ़रा निवासी ममता देवी ने अपने बेटे आकाश गुर्जर के एनकाउंटर के बाद कोर्ट की शरण ली थी। पीड़िता ने न्यायालय को बताया कि बेटा आकाश 26 सितंबर 2022 को घर से अपने भाई विष्णु के पास आगरा गया था। विष्णु आगरा में केंद्रीय आयुध डिपो में कार्य करते हैं। आकाश फौज में भर्ती होना चाहता था। भाई के पास जाने के साथ ही उसे अग्निवीर भर्ती की जानकारी भी आगरा में सेना भर्ती कार्यालय से लेनी थी, लेकिन उससे पहले ही बेटे की मौत की खबर मिली।
आकाश को एसएन में पुलिस कर्मियों ने किया था रक्तदान
मुठभेड़ में आकाश को गोली लगने से काफी रक्त बह गया था। एसएन में छः पुलिस कर्मियों ने उसे रक्त दान किया था। हालत बिगड़ने पर उसे लखनऊ केजीएमसी रैफर किया गया था।
दो महीने तड़पते हुए देखा तो मां ने दिखाई हिम्मत
27 सितंबर 2022 को दोपहर में आकाश गुर्जर के पिता लाल सिंह को सूचना मिली कि आगरा पुलिस द्वारा आकाश को मुठभेड़ में गोली मार दी है। उसका इलाज आगरा में चल रहा था। वह गंभीर रूप से घायल था, जिसे उपचार के लिए केजीएमसी हॉस्पिटल लखनऊ में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 13 नवंबर 2022 को केजीएमसी हॉस्पिटल लखनऊ में उसकी मृत्यु हो गई। आकाश के साथ दो महीने से अधिक हॉस्पिटल में उसकी मां ममता देवी साथ रहीं। बेटे ने उन्हे हरेक बात बताई। बेटे के साथ हुए अन्नाय को सुनकर उनके अंदर ज्वालीमुखी बन रहा था। बेटे की मौते के बाद वह फू ट गया। उन्होंने कोर्ट में खुद गईं, और अपने नाम से प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने मांग कि मुठभेढ़ में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो।
छात्र को बना दिया था खनन माफिया आकाश गुर्जर
सैंया और आसपास के थाना क्षेत्र खनन के लिए जाने जाते हैं। तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने खनन बंद कराने के लिए सख्त कार्रवाई की थी। उसके बावजूद उनके कार्यकाल में एक 13 सैंकेड का वीडियो वायरल हुआ।
उसमें सैंया टोल पर एक साथ फुल स्पीड में टोल को तोड़ते हुए टै्रक्टर जाते हुए दिखे थे। प्रदेशभर में विपक्ष ने खनन पर सीएम योगी सरकार को घेरा था। उसी में ताबड़तोड़ कार्रवाई हुईं। आकाश गुर्जर नाम के युवक को खनन माफिया बताकर उसका एनकाउंटर कर दिया। युवक के पेट और दोनों पैरों में गोली लगी थीं। उसे चंबल नदी से खनन करते भागते हुए बताया था। जबकि सच्चाई ये थी कि वह आगरा में चल रही अग्निवीर की भर्ती देखने आ रहा था।
पुलिस ने अवैध खनन में मुठभेड़ का किया था दावा
इरादत नगर पुलिस ने 27 सितंबर 2022 को सुबह करीब सवा छः बजे गढ़ी उदा और सूरजपुर के बीच गश्त के दौरान पुलिस कर्मियों ने अवैध बालू से भरे तीन ट्रैक्टर ट्रॉली को रोकने का इशारा किया तो चालक ने पुलिस कर्मियों पर ट्रैक्टर ट्रॉली चढ़ाने का प्रयास किया और वह भगा ले गए। जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी करके आगे पुलिस से मुठभेड़ हो गई और इसमें जवाबी कार्रवाई में आकाश को गोली लगी।
प्रभाकर चौधरी के लिए खड़ी हो सकती है परेशानी
बतादें कि तत्कालीन एसएसपी के लिए आगरा एक बार फिर परेशानी का सबब बन सकता है। श्री चौधरी पर अंडरट्रेनिंग के दौरान राजामंडी की एक वर्मा फैमली ने कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप यह था कि गलत तरीके से दबिश दी थी। महिलाओं को पीटा था। उच्चअधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला रफा-दफा हुआ। दूसरी तैनाती एसएसपी आगरा बनकर आये, तो पुलिसकर्मियों के कहने पर एक छात्र के साथ दुर्घटना हो गई। मामला बेशक उनके गले तक न पहुंचे, लेकिन कोर्ट में जबाव देने तो आना पड़ेगा। उस बेटे की मां से आंंख मिलाकर कहने होगा कि हां तेरा बेटा खनन माफिया था।
कोर्ट ने ये दिये आदेश
इस मामले में वादिया ने खुद कई तथ्यों पर जांच की, जिसके बाद न्यायालय की शरण ली। उन्होंने न्यायालय को बताया कि पूरा विश्वास है कि इरादत नगर पुलिस ने आकाश को अगवा कर जानबूझकर फर्जी मुठभेड़ कर मार दिया। इस मामले में सीजेएम ने संगीन मानते हुए अज्ञात पुलिसकर्मियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के आदेश दिए हैं।
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