आगरा: भू माफिया अब ऐसा खेल कर रहे हैं कि आपको पता भी नहीं चलेगा और आपकी जमीन किसी और को बेच देंगे। ऐसी कुछ समस्या से आजकल 509 आर्मी बेस वर्कशाप वर्कर सहकारी समिति के सदस्य गुजर रहे है। अपनी जमीन बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन से लेकर हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ी जा रही है। लड़ाई लड़ते-लड़ते उम्र बीत गई टेबल पर रखी यह फाइल मोटी होती चली गई लेकिन अभी भी इंसाफ की दरकार लगी हुई है।
509 आर्मी बेस वर्कशाप वर्कर सहकारी समिति के सचिव का कहना है कि 1959 में इस समिति का गठन हुआ था। गठन के दौरान दो चरणों में लगभग 36 और 32 बीघा जमीन अधिकारियों के सहयोग से ली गई थी। यह जमीन नजूल की थी। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन कुछ साल पहले ही इस समिति में भूमाफिया और फ्रॉड शामिल हो गए। उसके बाद समिति की जमीन को गलत तरीके से बेचना शुरू हो गया।
समिति के सदस्यों ने बताया कि भूमाफिया अनिल प्रकाश फर्जी तरीके से इस समिति में शामिल हुआ। उसने अपने घोटाले को छुपाने को रेवड़ी की तरह जमीन के भूखंड बांट दिए। समिति ने केवल मार्केट में बने बाथरूम और टायलेट को ही नहीं बेचा बल्कि मार्केट से कॉलोनी जाने वाले रास्ते मे दो दुकाने निकाल कर बेच दी। दुकानों की छतें भी दुकानदारों से अतिरिक्त पैसे लेकर उन्हें बेच दी। अपने ही सदस्यों को रास्ता बेचा गया । एक रास्ता कालोनी से बाहर ग्वालियर रोड पर भी जाता है.
उन्होंने बताया कि जब इसका विरोध किया गया तो अनिल प्रकाश ने उन पर झूठे मुकदमे लिखवा दिए। आरोप है कि उसने सोसाइटी की जमीन को सस्ते दामों में अथवा फर्जी तरीके से एक दूसरे के नाम कर, डिफेंस स्टेट में लगभग 26 करोड़ का गबन किया।