आगरा: सहकारिता विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अनशन पर बैठे किसान नेताओं ने कराया मुंडन. किसान नेता दिलीप सिंह चाहर और श्याम सिंह चाहर ने कहा कि हिंदू परंपरा में मुंडन क्यों कराया जाता है सभी जानते हैं . स्थानीय प्रशासन और सरकार सुनवाई नहीं कर रहा इसलिए यह दोनों हमारे लिए……. गए है. किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने तो कहा आरोपी अधिकारी 31 दिसंबर को रिटायर्ड हो रहा है अगर सूबे के मुखिया उस भ्रष्ट अधिकारी पर कार्रवाई नहीं कर सकते तो उसे पुष्प भेंट कर सेवानिवृत्त की विदाई दें.
किसान नेताओं के धरने को आज नौवां दिन है। किसान नेता श्याम सिंह चाहर, छीतरिया और दाताराम तोमर को भूख हड़ताल करते सात दिन बीत चुके हैं जबकि श्याम सिंह चाहर को जल का त्याग किए हुए आज दूसरा दिन था।
किसान नेता पहले भी किसान दिवस के दौरान ज्वलनशील पदार्थ पीकर आत्महत्या का प्रयास किया था और फिर स्थानीय प्रशासन की वायदा खिलाफी के खिलाफ सामूहिक आत्महत्या करने की कोशिश की थी और अब उन्होंने जल भी त्याग दिया है.
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने चेतावनी दी जिला प्रशासन किसानों बलि लेना चाहता तो किसान नेता अपनी बलि देने तैयार है पीछे नहीं हटेंगे चाहे कुछ भी हो. आज किसानों ने स्थानीय प्रशासन और सरकार को उम्रत मानकर मुंडन कराया है इतना ही नहीं सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ सीमा की है कि वह दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं कर सकती तो उन्हें पुष्प देकर सम्मानित करें.
किसान मजदूर नेता दिलीप सिंह क्या कहना है कि स्थानीय प्रशासन सिर्फ आश्वासन दे रहा है की जांच चल रही है जल्दी जांच पूरी हो जाएगी लेकिन जो भ्रष्ट अधिकारी है उसका 31 दिसंबर को रिटायरमेंट है और उसे बचाने के लिए लखनऊ से अटैच कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि उनकी सरकार में भ्रष्टाचार के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति है लेकिन उनकी इस नीति का अधिकारी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं इसीलिए तो 4 करोड़ से अधिक कि भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी को बचाया जा रहा है.
धऱनास्थल पर पहुंचे नरेन्द्र सिंह चाहर और महताप सिंह चाहर ने कहा कि सहकारिता विभाग के घोटाले में विभाग के उच्च अधिकारी भी शामिल हैं। दोषी एआर रविन्द्र कुमार को लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है जबकि उन्हें तो निलंबित कर जेल भेजना चाहिए था।
धरनास्थल पर सोनू, रामू चौधरी, गजेन्द्र शर्मा, सुभाष चौधरी, राहुल छोंकर, विजेंद सिंह एडवोकेट, किशन कुमार दीपू चाहर, यशपाल सिंह, नरेंद्र फौजदार, नारायण सिंह, बासुदेव कुशवाह, मनोज कुमार, प्रदीप शर्मा, बाबूलाल, बबलू सिंह, सोनवीर और धर्मपाल सिंह सहित अन्य किसान मौजूद रहे।
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