Agra News: अपर नगरायुक्त के छापे से खलबली, जब्त की फाइलें, जन्म-मृत्यु कार्यालय की मिल रही थीं शिकायतें

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कार्रवाई के दौरान अपर नगर आयुक्त ने जब्त की म्यूटेशन संबंधी पच्चीस फाइलें, जांच शुरु

आगरा। दलालों के सक्रिय होने और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर गंभीर रुख अपनाते हुए नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र तिवारी ने हरीपर्वत जोनल कार्यालय स्थित जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र आफिस पर अचानक छापा मारा। औचक छापे से वहां तैनात कर्मचारियों में अफरातफरी मच गई।

इस दौरान अपर नगर आयुक्त ने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आये लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं भी जानीं। लोगों द्वारा की गई शिकायत के बाद उन्होंने म्युटेशन से संबंधित 25 फाइलों को कब्जे में ले लिया। जांच में अनियमितताएं मिलने पर संबंधित बाबू के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नगर आयुक्त ने जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के मामले में दलालों के सक्रिय होने और भ्रष्टाचार की शिकायतों की जानकारी मिलने पर अपर नगर आयुक्त को कार्रवाई के निर्देश दिये थे। आदेशों के अनुपालन में अपर नगर आयुक्त ने अधीनस्थों के साथ हरीपर्वत जोनल कार्यालय स्थित जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने वाले विभाग पर औचक छापामार कार्रवाई की।

अचानक छापे की कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। इस दौरान उन्होंने वहां पर प्रमाण पत्र बनवाने आये लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानीं। लोगों का कहना था कि विभागीय बाबुओं के द्वारा समय पर काम करने के बजाय उन्हें बार बार कार्यालय के चक्कर लगवाये जाते हैं। एक बार सभी औपचारिकताएं पूरी कराने के बजाय उन्हें बार बार दौड़ाया जाता है।

इस पर अपर नगर आयुक्त ने विभाग में तैनात पांच बाबुओं के पास रिकार्ड से नामांतरण संबंधी पांच -पांच फाइलों को कब्जे में ले लिया और उन्हें अपने साथ ले आये। अपर नगर आयुक्त ने बताया कि इन फाइलों की जांच की जाएगी। जांच के दौरान अगर किसी मामले में भी अनियमितता की जानकारी सामने आई तो संबंधित बाबू के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

महिला ने की शिकायत

कार्रवाई के दौरान न्यू आदर्श नगर निवासी महिला सीमा अग्रवाल पत्नी राहुल अग्रवाल ने अपर नगर आयुक्त को बताया कि उसे अपने पुत्र रियांस अग्रवाल का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना है। कर्मचारियों के द्वारा उन्हें चक्कर कटवाये जा रहे हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने संबंधित फाइल को बाबू से लेकर जेडओ अक्षय कुमार को जल्द से जल्द मामले को निपटाये जाने के निर्देश दिये।

अपर नगर आयुक्त ने उक्त मामले में उस दौरान पटल पर रहे बाबू को अपने कार्यालय में तलब किया है। इस मामले को लटकाये जाने का कारण उससे पूछा जाएगा। वर्ततान में उक्त बाबू जोंस लाइब्रेरी में तैनात है।

इस मामले की जांच दौरान पता चला है कि संबंधित बाबू के द्वारा मामले की जांच कर रिपोर्ट लगाने के लिए एसएफआई रोहित कुमार को फाइल भेज दी गई थी। एसएफआई ने समय से अपनी रिपोर्ट नहीं दी, जिससे इस मामले का निस्तारण नहीं हो पा रहा था। उक्त बच्चे का जन्म चूंकि 23 नबंवर 2020 को हुआ था, अतः नगर निगम की रिपोर्ट के उपरांत फाइल को एसडीएम कार्यालय जाना था जहां से एसडीएम के आदेश के बाद नगर निगम को प्रमाण पत्र जारी करना था।

जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ये हैं नियम

यदि कोई अभिभावक बच्चे के जन्म के 21 दिन के भीतर जन्म प्रमाण पत्र के लिए ऒन या ऒफलाइन आवेदन करता है तो अस्पताल के सर्टिफिकेट के आधार पर नगर निगम ही जन्म प्रमाण पत्र जारी कर देता है। अगर इसके लिए 21 दिन से एक साल के अंदर आवेदन किया जाता है तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय और इसके बाद किये आवेदन पर एसडीएम ऑफिस नगर निगम को प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश देता है।


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