आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन की लिफ़्ट हुई खराब, लगभग डेढ़ घंटे तक फंसे रहे छात्र-छात्राएं

स्थानीय समाचार

आगरा:  डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के सिविल लाइंस परिसर में 44 करोड़ रुपये की लागत से बने संस्कृति भवन की एक लिफ्ट अचानक से खराब हो गई। इस लिफ्ट के खराब हो जाने से तीन छात्र-छात्राएं फंस गए। लिफ्ट में फंस जाने से तीनों छात्र छात्राएं काफी परेशान हो गए। बार-बार सहपाठियों को फोन कर इस स्थिति से अवगत करा रहे थे। सूचना मिलते ही मैकेनिक भी मौके पर पहुंच गया और लिफ्ट को सही करने में जुट गया। करीब डेढ़ घंटे बाद लिफ्ट सही हुई तो तीनों छात्र छात्राओं ने राहत की सांस ली। छात्र छात्राएं लिफ्ट में लगभग डेढ़ घंटे तक फंसे रहे।

इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट (आईटीएचएम) की कक्षाएं संस्कृति भवन के द्वितीय तल पर लगती हैं। बीए वोकेशनल के छात्र सौरभ दिवाकर और छात्राएं सिमरन और नीलम लिफ्ट से द्वितीय तल स्थित अपनी कक्षा में जा रहे थे। सुबह करीब 11:09 बजे लिफ्ट प्रथम व द्वितीय तल के बीच फंस गई। सिमरन ने बताया कि लिफ्ट रुकने पर पहले उन्होंने बटन दबाए, ऑपरेट न होने पर अलार्म बजाया। सहपाठियों को फोन करके लिफ्ट में फंसने की जानकारी दी। कार्यदायी संस्था के कर्मचारी के पास लिफ्ट की चाबी थी, उसने आकर बाहर का गेट खोला, छात्र-छात्राएं प्रथम व द्वितीय तल के बीच फंसे दिख रहे थे, उन्हें ढांढस बंधाया।

आईटीएचएम में तैनात लिपिक सुखपाल तोमर ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को फोन से लिफ्ट में छात्र-छात्राओं के फंसने की सूचना दी। दोपहर 12:19 बजे लिफ्ट लगाने वाली कंपनी का मैकेनिक पहुंचा। वह दूसरे लिफ्ट से पंचम तल पहुंचा और वहां लगे बॉक्स में आई तकनीकी गड़बड़ी को दूर किया। दोपहर करीब 12:30 बजे पंचम तल पर ही तीनों छात्र-छात्राएं बाहर निकले, तभी भवन के प्रभारी प्रो. संजय चौधरी भी पहुंच गए। उन्होंने छात्र-छात्राओं से हालचाल पूछा।

संस्कृति भवन में ललित कला संस्थान और आईटीएचएम की कक्षाएं लग रही हैं। इतिहास एवं संस्कृति विभाग भी भवन में शिफ्ट होना है। भवन में पांच तल हैं। लिफ्ट के संचालन के लिए कोई ऑपरेटर नहीं लगाया गया है। छात्र-छात्राओं ने बताया कि डेढ़ माह पहले भी लिफ्ट खराब हो गई थी। मैकेनिक को बुलवाकर ठीक कराया गया था। अब लिफ्ट से आने-जाने में डर लगने लगा है।

संस्कृति भवन वर्ष 2018 में बन गया था। छोटे-मोटे काम ही रह गए थे। इसका लोकार्पण विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने पांच फरवरी 2022 को बसंत पंचमी के दिन किया था। इस माह गणित विभागाध्यक्ष प्रो. संजय चौधरी को ललित कला संस्थान का निदेशक और संस्कृति भवन का प्रभारी बनाया गया है।

संस्कृति भवन के प्रभारी प्रो. संजय चौधरी ने बताया कि कंपनी को सूचना दे दी गई है। कंपनी आकर जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे कोई कदम उठाया जाएगा। लिफ्ट में फंसे सौरभ दिवाकर, सिमरन और नीलम ने बाहर निकलने के बाद कहा कि अब वे लिफ्ट से तौबा कर लेंगे। सीढ़ियां चढ़ना मंजूर है, लिफ्ट में फंसना नहीं। लाइट न होती तो लिफ्ट में डेढ़ घंटा गुजारना मुश्किल हो जाता।


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