आगरा: पर्यावरण प्रेमी इस दीपावली को हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए खूब पटाखे भी जलाएंगे और उससे धुआं व प्रदूषण भी नहीं होगा। जी हां, बाजार में इस बार ऐसे पटाखे भी मिल रहे हैं जो पूरी तरह से इको फ़्रेंडली है। इस पटाखों के जलाने से वातावरण भी प्रदूषित नहीं होगा। कंपनी गार्डन सदर में पटाखों की दुकान लगी है। प्रत्येक स्टॉल पर इको फ़्रेंडली पटाखे बिक रहे है।
इको फ्रेंडली पटाखों की बूम
आपकों बताते चले कि दीपावली पर्व के दौरान होने वाली आतिशबाजी के चलते वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। जो एक बड़ी समस्या बनकर सामने आती है। इसलिए इको फ़्रेंडली यानी ग्रीन पटाखे बाजारों में उतारे गए हैं। दिवाली के इस सीजन में इको फ्रेंडली पटाखों का बूम आया है और दूसरे पटाखे कम बिक रहे हैं।
इको फ़्रेंडली पटाखे बने पहली पसंद
आतिशबाजी खरीद रहे लोगों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दो साल बाद बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ दीपावली पर्व मनाने का अवसर मिल रहा है। बच्चे भी पटाखे की डिमांड कर रहे हैं। इसलिए उनके लिए इको फ्रेंडली पटाखे खरीदे है। इससे एक पंथ दो काज होंगे। पटाखों की खरीदारी पर अधिक व्यय नहीं होगा और पर्यावरण भी दूषित नहीं होगा। इको फ्रेंडली पटाखे कम कीमत में उपलब्ध हैं। इको फ्रेंडली पटाखों की खूबियां ये हैं कि इनको हाथ में पकड़ कर चलाया जा सकता है। धुंआ नहीं निकलता बल्कि रंग बिरंगे कागजों की पतंगियां या थरमोकोल की रंग बिरंगी गोलियां फव्वारे के रूप में निकलती हैं। इन पटाखों को छोटे बच्चे आसानी से चला सकते हैं।
इको फ्रेंडली पटाखा विक्रेता ने बताया कि उनके पास इको फ्रेंडली पटाखे उपलब्ध हैं। उनमें मैजिक पाइप, खुशी, सुपर सिक्स, कनपटी सेलिब्रेटी, मैजिक अनार, मैजिक कृष्णजाल, शुभ वर्षा, फ्लॉवर पोस्ट, रंग बरसात, फ्लॉवर पॉट, ग्राउंड चक्र, सुप्रीम कलर, गुडिय़ा पेपर हवाई के अलावा कुछ अन्य वैरायटी के पटाखे शामिल हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि पटाखों का शोरगुल और प्रदूषण सभी के लिए नुकसानदायक होता है। अधिक रोशनी व शोरगुल वाले पटाखों के कारण लोगों की आंखों में अंधता और कानों में बहरापन आ सकता है। ऐसे में अगर ग्रीन पटाखे हैं तो ये सेहत के लिए कम नुकसानदायक होंगे।
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