दिव्यांग जनों को रेलवे में सफर करने के दौरान किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए रेलवे विभाग ने कवायदें शुरू कर दी हैं। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन को देश का पहला दिव्यांगजन रेलवे स्टेशन बनाया जा रहा है। कैंट स्टेशन पर नेत्रहीन, दिव्यांग, मूक बधिर दिव्यांगो के लिए रेलवे स्टेशन के साथ ट्रेनों में सभी उच्च सुविधाएँ उपलब्ध होगी। अब दिव्यांगों के लिए उनकी भाषा और स्टाइल समझने वाले कर्मचारी शामिल होंगे।
रेलवे कर रहा है यह व्यवस्था
आगरा कैंट रेलवे स्टेशन को दिव्यांग जनों की सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए आगरा रेल मंडल द्वारा नेत्रहीन, दिव्यांग, मूक दिव्यांगो के अनुसार रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में सभी उच्च सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएगी। नेत्रहीन दिव्यांग़ो के लिए ब्रेन लिपी साइन, व्हील चेयर और ट्रेन में चढ़ने के लिए रैंप की सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही मूल दिव्यांगो की समस्याओं को सुलझाने के लिए सांकेतिक भाषा के जानकार कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। जिसके लिए एक हफ्ते बाद दो हफ्ते का उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।
व्हील चेयर – पोर्टेबल रैंप मौजूद
पैरों से दिव्यांग यात्रियों के लिए व्हील चेयर की सुविधा उपलब्ध की गई है जो प्लेटफार्म पर ही उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही पॉर्टबल रैम्प की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस पॉर्टबल रैम्प की मदद से व्हील चेयर द्वारा सभी दिव्यांगजन ट्रेन के कोच में आसानी से चढ़ सकेंगे। रेलवे के कर्मचारियों के सांकेतिक भाषा सीखने तक रेलवे ने मूक दिव्यांगजनों के लिए वीडिओ बनाए गए हैं। इन वीडियो से मूक दिव्यांगजनों को काफ़ी मदद मिलेगी।
आगरा रेल मंडल पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि जल्द ही रेलवे स्टेशन पर आने वाले दिव्यांगजनों के लिए सभी सुविधाएँ उपलब्ध होगी। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन को देश का पहला दिव्यांगजन फ़्रेंड्ली रेलवे स्टेशन बनाने में रेलवे के सभी कर्मचारी प्रयासरत हैं।