आगरा। राज्यसभा में राणा सांगा को गद्दार और हिंदुओं को उनकी औलाद कहने वाले सपा सांसद रामजीलाल सुमन के समर्थन में भले पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव आ गए हों पर सुमन बैकफुट पर आ गए हैं। इधर देश भर में उनके बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है।
विवादित टिप्पणी पर मचे घमासान के बीच सपा के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि उनका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। उनका कहना है कि गृहमंत्री के बयान पर चर्चा पर बोलते हुए उन्होंने कहा था देश एक घर है। इस घर में सामाजिक सौहार्द बना रहे। अलग-अलग जातियों व धर्मों के लोगों में फर्क है। पूजा, पद्धति, इबादत के तरीके अलग-अलग हैं। गृहमंत्री का काम यह है कि बुनियादी तौर पर देश में जातीय और धर्म के नाम पर टकराव न हो। देश के लोग प्यार और मोहब्बत से रहें।
सांसद सुमन ने कहा कि होली के त्योहार पर किसी भी मुसलमान की ओर से कोई बयान नहीं आया, लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ बयान दिए गए। बिहार और यूपी के विधायक कहते रहे कि अगर मुसलमानों को होली से दिक्कत है तो वे अपना घर बंद कर लें। यूपी के मंत्री कहते हैं कि जिन्हें रंगों से नफरत है वे पाकिस्तान चले जाएं। इस प्रकार की भाषा देश के लोगों को तोड़ती है और धर्म तथा जाति के नाम पर लड़ाती हैं।
सांसद सुमन ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा में जो बयान दिया है, वह किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं दिया था। वह सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि जब भी देश की इज्जत दांव पर लगी है तो हिंदू- मुसलमानों ने मिलकर संघर्ष किया है। रोज़-रोज़ बाबर को गालियां देना ठीक नहीं है। मुसलमानों को बाबर का डीएनए बताया जाता है, जबकि बाबर के बारे में इतिहास गवाह है कि बाबर को देश में लाने वाला राणा सांगा था।