मुंबई में शुक्रवार को सीट शेयरिंग को लेकर महा विकास अघाड़ी (MVA) की दूसरी मीटिंग हुई। इसमें वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष और डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर भी शामिल हुए। बैठक खत्म होने के बाद अंबेडकर होटल से नीचे आए तो उन्होंने मीडिया से कहा कि ‘इंडी’ गठबंधन लगभग खत्म हो चुका है।
प्रकाश ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई I.N.D.I.A नहीं है। नीतीश कुमार, AAP, ममता बनर्जी अलग हो गए हैं। बची समाजवादी पार्टी, उसने 16 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की। हालांकि यह माना जा रहा है कि समाजवादी I.N.D.I.A के साथ ही रहेंगे। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का हाल मैं I.N.D.I.A जैसा नहीं होने दूंगा।
अंबेडकर के इस बयान के दौरान शिवसेना उद्धव गुट (UBT) के सांसद संजय राउत और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले भी उनके साथ मौजूद थे। हालांकि बाद में संजय राउत ने मामला संभालते हुए कहा कि सब कुछ ठीक है, गठबंधन मजबूत है।
प्रकाश ने कहा, सीटों के बंटवारे पर चर्चा अगली बार करेंगे
प्रकाश अंबेडकर ने मीटिंग के बारे में बताया कि गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर अगले चरण में चर्चा होगी। पहले फेज की चर्चा में लोएस्ट शेयरिंग प्रोग्राम को लेकर चर्चा की गई है। प्रकाश ने यह भी कहा कि अघाड़ी का न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय होने के बाद हम सीटों के बंटवारे पर चर्चा करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों के बीच अंबेडकर की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें गठबंधन में शामिल करने के इच्छुक थे, जबकि कांग्रेस और NCP प्रमुख शरद पवार इसके खिलाफ थे। शिवसेना और NCP में फूट ने इन दोनों ही पार्टियों को वंचित बहुजन अघाड़ी को साथ लाने का फैसला करना पड़ा।
वंचित बहुजन अघाड़ी I.N.D.I.A के लिए अहम क्यों…
543 सदस्यीय लोकसभा में उत्तर प्रदेश (80) के बाद महाराष्ट्र दूसरे सबसे ज्यादा सांसद (48) भेजता है। VBA ने पिछला चुनाव असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के साथ गठबंधन में लड़ा था, जिसके इम्तियाज जलील ने औरंगाबाद में चार बार के शिवसेना विधायक चंद्रकांत खैरे को हराया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में वंचित बहुजन अघाड़ी को मिले वोटों ने पूर्व मुख्यमंत्रियों सुशील कुमार शिंदे और अशोक चव्हाण समेत कम से कम आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस-NCP गठबंधन की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया था।
उधर, महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी का रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के साथ गठबंधन है। विपक्षी गठबंधन में अंबेडकर के प्रवेश से दलित वोटों को अपने पक्ष में एकजुट करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
-एजेंसी
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