आगरा: लखनऊ के लेवाना होटल में सोमवार को हुए अग्निकांड में 4 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। लेवाना होटल में हुए अग्निकांड के बाद आगरा के फायर विभाग की भी कुंभकरण की नींद टूट गई। आगरा शहर की होटलों में फायर सिस्टम की क्या स्थिति है और वह कितना काम करते हैं, इसके लिए फायर विभाग के अधिकारी मंगलवार सुबह से ही होटलों की जांच पड़ताल में जुट गए।
फतेहाबाद रोड पर चला विशेष अभियान
फायर विभाग के अधिकारियों ने फतेहाबाद रोड पर विशेष अभियान चलाया। क्योंकि इस रोड पर ही सबसे अधिक होटल हैं। फायर विभाग के अधिकारियों ने फतेहाबाद रोड के सभी छोटे और बड़े होटलों में पहुंचकर वहां के फायर सिस्टम को देखा। बड़े होटलों में तो फायर सिस्टम भी लगा हुआ था। फायर सिस्टम भी दुरुस्त था लेकिन छोटे होटलों की स्थिति ठीक नहीं दिखाई दी।
मॉक ड्रिल करके परखा फायर सिस्टम
फायर विभाग के अधिकारियों ने बड़े और छोटे होटलों में मॉक ड्रिल कराकर फायर सिस्टम को परखा। इस दौरान उन्होंने होटल के बाहर आग लगाई और फिर होटलों में लगे एक्सटिंगईश सिलेंडर से उस आग को बुझवाय। इस तरह से उन्होंने यह पता किया कि होटलों में जो एक्सटिंग्विश सिलेंडर लगे हुए हैं, वह कितना काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं बड़े होटलों में तो बड़ा फायर सिस्टम होता है उसे भी चला कर चेक कराया गया। फायर अलार्म की क्या स्थिति है इसको भी चेक किया गया।
छोटे होटल में इंतजाम नाकाफ़ी
फायर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बड़े होटलों में जब फायर सिस्टम चेक किया गया तो फायर सिस्टम दुरुस्त मिला। फायर अलार्म भी काम कर रहा था लेकिन जब छोटे और कम बजट होटलों को चेक किया गया, वहां फायर सिस्टम तो था लेकिन उस फायर सिस्टम के पास कबाड़ अधिक रख दिया था। साथ ही फायर सिस्टम भी अनुपयोगी सा लग रहा था। यानी छोटे होटल वालों ने फायर सिस्टम की दुर्गति कर रखी थी। अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो छोटे होटलों के फायर सिस्टम को चलाना मुश्किल ही हो जाएगा।
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