खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई में भी गिरावट दर्ज की गई है। सरकार ने बुधवार को थोक महंगाई के आंकडे जारी किये हैं। भारत की थोक महंगाई दर मई में गिरकर (-) 3.48 फीसदी रही। इससे यह 3 साल के निचले स्तर पर आ गई है। इससे पहले अप्रैल में थोक महंगाई (-) 0.92 फीसदी रही थी।
मिनरल ऑयल्स, बेसिक मेटल्स, फूड प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल्स, नॉन फूड आर्टिकल्स, क्रूड पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस और केमिकल एंड केमिकल प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट के चलते थोक महंगाई में कमी आई है।
फूड इंडेक्स की महंगाई (-)1.59%
मई महीने में फूड इंडेक्स के लिए महंगाई (-)1.59 फीसदी रही। वहीं, प्राइमरी आर्टिकल्स के लिए महंगाई दर मई में (-) 1.79 फीसदी रही। इसके अलावा मई में फ्यूल एंड पावर की महंगाई 9.17 फीसदी घट गई। इसके अलावा मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई 2.97 फीसदी गिर गई। यह अप्रैल में (-) 2.42 फीसदी थी।
2 साल के निचले स्तर पर खुदरा महंगाई
भारत की खुदरा महंगाई दर में भी मई में गिरावट दर्ज हुई है। यह घटकर 4.25 फीसदी पर रही, जो 2 साल का न्यूनतम स्तर है। यह इससे पिछले महीने 4.7 फीसदी पर थी। यह महंगाई दर आरबीआई के सहनीय स्तर के अंदर है। महंगाई दर के लिए आरबीआई का सहनीय स्तर 2-6 फीसदी के बीच है। फूड और फ्यूल कीमतों में गिरावट के चलते महंगाई में यह कमी आई।
9 महीने रही थी 6% से ऊपर
आरबीआई ने हालिया एमपीसी बैठक में वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई के अनुमानों को कम किया था। भारत की खुदरा महंगाई दर तीन तिमाहियों से आरबीआई के सहनीय स्तर 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई थी। यह केवल नवंबर 2022 में गिरकर आरबीआई के कंफर्ट लेवल में आई।
Compiled: up18 News
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