आखिर प्रताप स्नैक्स में ऐसा क्या है कि बड़ी-बड़ी कंपनियां इसमें हिस्सेदारी लेना चाहती हैं

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आईटीसी इसे खरीदने की तैयारी में है। इससे पहले हल्दीराम ने भी प्रताप स्नैक्स में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन वैल्यूएशन पर मतभेद के कारण बात आगे नहीं बढ़ पाई। प्रताप स्नैक्स येलो डायमंड चिप्स और अवध ब्रांड से नमकीन बेचती है। बीकाजी फूड्स ने भी इस कंपनी के साथ डील करने की कोशिश की थी लेकिन उसकी बात भी नहीं बन पाई। सवाल यह है कि आखिर प्रताप स्नैक्स में ऐसा क्या है कि बड़ी-बड़ी कंपनियां इसमें हिस्सेदारी लेना चाहती हैं।

पीक एक्सवी ने 13 साल पहले प्रताप स्नैक्स में निवेश किया था और अब वह इससे बाहर निकलना चाहती है। अगर आईटीसी इस डील में सफल रहती है तो वह 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर ला सकती है। इंदौर की कंपनी प्रताप स्नैक्स 2017 में 33 फीसदी प्रीमियम के साथ लिस्ट हुई थी। गुरुवार को दोपहर 12 बजे यह 9.67% तेजी के साथ 1288.05 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। इस वैल्यूएशन पर इसका मार्केट कैप 3068 करोड़ रुपये है।

आईटीसी बिंगो चिप्स और नमकीन बेचती है लेकिन उसे लोकल कंपनियों की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भारत में स्नैक्स का मार्केट करीब 42,695 करोड़ रुपये का है और 2032 तक इसके 95,521 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। तीसरी तिमाही में प्रताप स्नैक्स की ब्रिकी 408 करोड़ रुपये और प्रॉफिट 10.79 करोड़ रुपये रहा था।

कैसे आया आइडिया

प्रताप स्नैक्स का दावा है कि वह रोजाना 1.2 करोड़ से अधिक स्नैक्स के पैकेट बेचती है। इसके नौ राज्यों में कुल 15 मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट हैं। कंपनी का मार्केट कैप करीब 3,272.22 करोड़ रुपये है। अमित कुमत इस कंपनी के एमडी एंड सीईओ हैं। ‌1990 के दशक में इंदौर के अमित कुमत जब अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे तो उन्हें चिप्स बनाने का आइडिया आया था। दरअसल वह दाल-चावल के साथ पापड़ खाने के आदी थे लेकिन अमेरिका में देसी पापड़ नहीं मिलता था। इसकी कमी वह चिप्स खाकर पूरी करते थे। अमेरिका से साइंस में मास्टर्स डिग्री लेने के बाद स्वदेश लौटने पर उन्हें मनमुताबिक नौकरी नहीं मिली। हारकर उन्होंने अपने पिता के कपड़ों के बिजनस में हाथ बंटाना शुरू कर दिया।

कपड़ों का बिजनेस अच्छा चलने लगा तो उन्होंने दूसरे क्षेत्रों में भी हाथ आजमाना शुरू किया। 1996 से 1999 के बीच उन्होंने एक एसएपी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोला और केमिकल डाई का बिजनस भी शुरू किया। साथ ही एक वेबसाइट भी खोली लेकिन डॉट कॉम का बुलबुला जल्द फूट गया और उनके बाकी बिजनेस भी घाटे में चले गए। हालत यह हो गई कि उन पर 18 करोड़ का कर्ज चढ़ गया। उनके पास बस में सफर करने के लिए भी पैसे नहीं थे। उन्हें दो बार सोचना पड़ता था कि बस से जाएं या फिर पैदल ही चलें। इस मुश्किल घड़ी में उन्होंने अपने बड़े भाई अपूर्व कुमत के दोस्त और पारिवारिक मित्र अरविंद मेहता को स्नैक्स बिजनेस में 15 लाख रुपये का निवेश करने के लिए अप्रोच किया। तीनों ने लखनऊ में चीज बॉल बनवाए और इन्हें इंदौर तथा दूसरे शहरों में बेचा। उनका यह बिजनेस चल निकला।

सलमान खान को बनाया ब्रांड एंबेसेडर

फिर तीनों ने फिर इंदौर में चिप्स बनाने की एक यूनिट लगाई और बड़ी मात्रा में आलू चिप्स बनाए। 2006-07 में अमित की कंपनी ने येलो डायमंड लॉन्च किया। येलो डायमंड की कामयाबी को देखते हुए ग्लोबल वेंचर कंपनी सिकोइया कैपिटल ने कंपनी में तीन करोड़ डॉलर का निवेश किया। इस निवेश से कंपनी ने नई मशीनें खरीदकर चिप्स, पोटैटो रिंग्स और नमकीन बनानी शुरू कर दी। इसके बाद कंपनी ने तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ती गई।

कंपनी ने अभिनेता सलमान खान को अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाया। कंपनी का शेयर 2017 में एनएसई पर 33% प्रीमियम के साथ लिस्ट हुआ था। बीएसई पर प्रताप स्नैक्स का शेयर 1270 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुआ। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 1,450.00 रुपये है। इसी साल 18 जनवरी को यह इस स्तर पर पहुंचा था।

-एजेंसी