अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में अफगानिस्तान की मदद को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सामने आया है। उसने 76 करोड़ डालर (करीब 5,800 करोड़ रुपये) की आर्थिक मदद मुहैया कराई है। इसका उपयोग देश में गरीबी कम करने और खाद्य जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा।
अफगान मुद्रा के मूल्य को बनाए रखने में मिलेगी मदद
टोलो न्यूज़ ने सेंट्रल बैंक आफ अफगानिस्तान के प्रवक्ता साबेर मोमंद के हवाले से बताया क ‘कुल 76.16 करोड़ डालर की राशि मिली है। इससे अफगान मुद्रा के मूल्य को बनाए रखने में मदद मिलेगी।’ हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस देश की मदद करने की अपील की थी। हालांकि कुछ अफगान लोगों का दावा है कि उनको मदद नहीं मिल रही है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अंदरूनी मामलों में दखल न दे: तालिबान
अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान की संपत्ति जब्त किए जाने पर तालिबान सरकार ने नाराजगी जाहिर की है। प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। मुल्ला ने बताया, ‘हमने कहा है कि हम किसी व्यक्ति या किसी देश को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। हम अपने वादे को पूरा करेंगे क्योंकि हम मुस्लिम हैं। हम देशों से अपील करते हैं कि वे मुस्लिमों के लिए समस्या खड़ी नहीं करें।’
आसमान छू रहीं भोजन की कीमतें
अगस्त 2021 में इस्लामिक अमीरात के अधिग्रहण के बाद से रहने की लागत और भोजन की कीमतें आसमान छू गई हैं। रिपोर्ट में विश्व बैंक के निष्कर्षों का हवाला देते हुए कहा कि 2021 के अंतिम कुछ महीनों में आय में लगभग एक तिहाई की गिरावट आने की संभावना है। वहीं मीडिया पोर्टल के अनुसार परिवार बेरोजगार और बेसहारा हैं और अपने बच्चों को खिलाने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं।
-एजेंसियां
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