बहुत काम आ रही है आधार की नई फेस-ऑथेंटिकेशन सर्विस

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आधार बेस्ड फेस-ऑथेंटिकेशन को आधार जारी करने वाली संस्था ‘यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (यूआईडीएआई) ने अक्टूबर 2021 में लॉन्च किया था. एआई और मशीन लर्निंग पर काम करने वाली इस टेक्नोलॉजी को खुद यूआईडीएआई ने डेवलप किया है. मौजूदा समय में केंद्र सरकार के कई मंत्रालय, बैंक और राज्य सरकारों समेत 47 इंस्टीट्यूशन इस सर्विस का उपयोग करते हैं.

ऐसे काम करता है आधार फेस-ऑथेंटिकेशन

आधार फेस-ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने में किया जाता है. इसमें एक स्कैनर की मदद से व्यक्ति का चेहरा या आंखों के रेटिना स्कैन किया जाता है, जिसे आधार के डेटा बेस में दर्ज आपके चेहरे के डेटा से मिलाया जाता है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से ये उम्र के साथ चेहरे में आए बदलाव को पहचान लेती है.

आधार फेस-ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सरकारी स्कीम्स के लाभार्थियों की सही पहचान के लिए हो रहा रहा है. मानकर चलिए अगर आपको पीएम किसान स्कीम का फायदा मिलता है, तो आधार फेस-ऑथेंटिकेशन से ये पता चलता है कि उसे पाने के आप सही हकदार हैं.

आ रहा सरकारी बाबुओं की हाजिरी लगाने के भी काम

आधार फेस-ऑथेंटिकेशन का उपयोग इस समय आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना से लेकर पीएम किसान तक के लाभार्थी, पेंशनर्स इत्यादि की पहचान में काम आ रहा है. वहीं कुछ सरकारी दफ्तरों में इसका इस्तेमाल कर्मचारियों की हाजिरी लगाने में भी हो रहा है. इसके अलावा ये खाता खुलवाने में भी काम आता है. जबकि आंध्र प्रदेश में आधार फेस-ऑथेंटिकेशन से जगनन्ना विद्या दीवेना स्कीम में छात्रों को उच्च शिक्षा की फीस का रीइंबरमेंट भी किया जा रहा है.

– एजेंसी


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