उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन से रोका गया। महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बुधवार को यूपी के मुख्य विपक्षी दल सपा ने प्रदर्शन की तैयारी की थी लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। कई नेताओं को घर में नजरबंद करने का आरोप भी सपा की तरफ से लगाया गया। इससे विधानसभा के बाहर हंगामे की स्थिति बनी है। विधानमंडल सत्र से पहले समाजवादी पार्टी के विधायकों के प्रदर्शन के चलते सपा कार्यालय पर भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई है।
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के दफ्तर पर कार्यकर्ताओं की भीड़ इकठ्ठी है और अफरातफरी का माहौल है। दफ्तर, जिस विक्रमादित्य मार्ग पर है, उसे दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है।
राजधानी लखनऊ के मध्य क्षेत्र से विधायक रविदास मेहरोत्रा के घर के बाहर भी भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। फोर्स तैनात किए जाने पर समाजवादी पार्टी के विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। वह शांतिपूर्ण आंदोलन को भी दमन तानाशाही से दबाना चाहती है।
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मेहरोत्रा ने कहा कि हम जन मुद्दों एवं जनता की समस्याओं को लेकर संघर्ष करते रहेंगे। चाहे सरकार हम पर कितना जुल्म और अत्याचार क्यों न करें। मेहरोत्रा ने कहा कि आज विधान भवन पर शांतिपूर्ण धरना था और जिस तरीके से पुलिस आंदोलन को दबाने के लिए दमनात्मक कार्रवाई कर रही है, वह बहुत ही निंदनीय और शर्मनाक है।
मेहरोत्रा ने कहा कि सरकार के दमन अत्याचार और अन्याय के खिलाफ सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष किया जाएगा। हम सरकार के दमन, जुल्म और पुलिस की लाठियां-गोली या जेल से डरने वाले नहीं हैं। भारी पुलिस बल मेरे घर के बाहर मुझे धरने पर जाने से रोकने के लिए खड़ा किया गया है इसलिए मैं सरकार के दमन, जुल्म, अत्याचार और अन्याय के खिलाफ अपने घर के बाहर धरने पर बैठने जा रहा हूं।
इससे पहले समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया था कि पार्टी के विधायक 14 सितंबर से विधानसभा स्थित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरना देंगे।
पांडेय ने कहा, ‘सत्तारूढ़ भाजपा की तरफ से विपक्षी दल के नेताओं कार्यकर्ताओं खासकर समाजवादी पार्टी के नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं। उन्हें अपमानित किया जा रहा है तथा चरित्र हनन के प्रयास किए जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां के ऊपर गवाहों को धमकाने का झूठा मुकदमा लिखाया गया और जौहर विश्वविद्यालय के संचालन में बाधा डाली जा रही है।’
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकांश जिले सूखे से प्रभावित हैं लेकिन न तो अभी तक कोई जांच कराई गई है और न ही सूखा प्रभावित किसानों को कोई मदद दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जातीय जनगणना की मांग भी नहीं मानी जा रही है। महंगाई चरम पर है। बेरोजगारी में लगातार वृद्धि होती जा रही है। भाजपा सरकार आंकड़ों का खेल खेल रही है।
-एजेंसी