न्यायमूर्ति मिश्रा और खानविलकर सेवानिवृत हो चुके हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अब न्यायाधीश मिश्रा और खानविलकर सेवानिवृत हो चुके हैं तो न्यायाधीश चंद्रचूड दो और न्यायाधीशों के साथ मामले की सुनवाई करेंगे।’’
न्यायालय ने 21 जुलाई को वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह को बीसीसीआई मामलों में सहायता के लिये न्यायमित्र नियुक्त किया था और पदाधिकारियों के कार्यकाल संबंधी मसले पर अपने संविधान में संशोधन की बीसीसीआई की अपील पर मामले की सुनवाई आज तय की थी।
बीसीसीआई पदाधिकारियों के कार्यकाल के मसले पर अपने संविधान में संशोधन करना चाहता है । इसके तहत बीसीसीआई और प्रदेश संघों में पदाधिकारियों के दो कार्यकाल के बीच विश्राम का समय हटाना शामिल है। इन पदाधिकारियों में बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह शामिल है। संविधान में संशोधन से वे अपने अपने प्रदेश संघों में छह साल का कार्यकाल पूरा करने के बावजूद पद पर बने रह सकेंगे।
इससे पहले न्यायाधीश आर एम लोढा की अगुवाई वाली समिति ने बीसीसीआई में सुधारों की अनुशंसा की थी जिसे न्यायालय ने मान लिया था।
बीसीसीआई के मौजूदा संविधान के तहत प्रदेश संघ या बीसीसीआई में लगातार देा कार्यकाल के बीच तीन साल का विश्राम समय जरूरी है। गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के पदाधिकारी थे और शाह गुजरात क्रिकेट संघ के साथ थे।
-एजेंसी
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