चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बीते दो महीनों में दूसरी बार पाकिस्तान में सीपेक (CPEC) परियोजना पर काम करने वाले चीनी नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता जताई है. जिनपिंग ने ये बात बीजिंग में शहबाज़ शरीफ़ से मुलाकात के दौरान कही. शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार दो दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे हैं.
इस बैठक के बाद जारी किए गए साझा बयान के मुताबिक़, शी जिनपिंग ने कहा है, ‘मैं पाकिस्तान में मौजूद चीनी लोगों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि पाकिस्तान सरकार अपने यहां चीनी संस्थानों और कर्मचारियों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराएगा.”
बीते दो महीनों में ये दूसरा मौका है जब चीनी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान केसामने चीनी नागरिकों पर बलूच नेशनलिस्ट आर्मी समेत अन्य चरमपंथी गुटों की ओर से हमले किए जाने का मुद्दा उठाया हो. ये समूह पाकिस्तान के इस अशांत क्षेत्र में सीपेक के तहत किए जाने रहे चीनी निवेश का विरोध करते हैं.
भारत का विरोध
भारत भी चीनी निवेश का विरोध करता आया है क्योंकि ये परियोजना पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से होकर जाती है जिस पर भारत अपना दावा करता आया है.
शरीफ़ और शी जिनपिंग के बीच पिछले महीने समरकंद में एससीओ सम्मेलन के दौरान बैठक हुई थी. इस बैठक में जिनपिंग ने पाकिस्तान से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी.
कुछ ख़बरों के मुताबिक़ चीनी नागरिकों पर लगातार होते हमलों को ध्यान में रखते हुए चीन पाकिस्तान पर अपनी सुरक्षा एजेंसियों को उतारना चाहता है और वह इसके लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है.
हालांकि पाकिस्तान इससे बचने की कोशिश कर रहा है क्योंकि अगर पाकिस्तान चीन की इस मांग को स्वीकार कर लेता है तो चीनी सशस्त्र बलों के जवान पाकिस्तानी ज़मीन पर उतर सकते हैं.
-Compiled: up18news
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