पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई नेता इमरान खान को बड़ा झटका देते हुए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया है। आम सहमति से हुए इस फैसले में आयोग ने यह भी कहा कि इमरान खान अब देश की संसद नेशनल असेंबली के सदस्य नहीं रह गए हैं। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद देश में हिंसा की आशंका को देखते हुए चुनाव आयोग से सटे सैकड़ों पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात किया गया है।
इमरान खान के समर्थकों को रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों को भी तैनात किया है। पुलिस ने कहा है कि किसी भी पीटीआई नेता को चुनाव आयोग के पास नहीं आने दिया जाएगा। इससे पहले 19 सितंबर को चुनाव आयोग ने तोशाखाना मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि इमरान खान इसे कोर्ट में चुनौती देंगे जहां यह टिक फैसला नहीं पाएगा।
चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के नेतृत्व में एक 5 सदस्यीय बेंच ने इस पूरे मामले पर सुनवाई की है और आपसी सहमति से इमरान खान को अयोग्य घोषित किया है। इस बीच इमरान खान की पार्टी ने कहा कि वह इस पूरे फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने जा रही है।
तोशाखान विवाद में इमरान पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से मिले करोड़ों रुपये गिफ्ट को सरकारी खजाने में जमा कराने की बजाय उसे बेच दिया।
आयोग में आखिरी सुनवाई के दौरान इमरान खान के वकील ने माना था कि उनके मुवक्किल ने साल 2018-19 के बीच में मिले कम से कम 4 गिफ्ट को बेच दिया था। उन्होंने कहा, ‘इन विदेशी गिफ्ट को 5 करोड़ 80 लाख रुपये में बेचा गया था। इसके विवरण को इमरान खान ने अपने आयकर रिटर्न में दिखाया था।’ इमरान खान के वकील ने यह भी कहा कि पीटीआई नेता ने चुनाव आयोग को भी इन गिफ्ट के बारे में जानकारी दी थी।
-एजेंसी
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