दीपावली के अगले दिन होगा सूर्य ग्रहण, एक दिन बाद होगी गोवर्धन पूजा

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ये ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में बेहतर ढंग से दिखेगा। वहीं, देश के पूर्वी हिस्सों में ये नहीं दिख पाएगा, क्योंकि उन जगहों पर सूर्यास्त हो चुका होगा। इसके अलावा यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में भी ये आकाशीय घटना दिखेगी।

श्रीनगर, जम्मू और जलंधर में अच्छे से दिखेगा

ये ग्रहण शाम 4.30 पर अपने चरम पर रहेगा। इस वक्त देश में दिखना शुरू हो जाएगा। भारत में लेह, लद्दाख, जम्मू, श्रीनगर, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में ये ग्रहण दिखेगा। इनमें श्रीनगर, जम्मू, जलंधर, अमृतसर, चंडीगढ़, देहरादून, हरिद्वार और शिमला में ज्यादा साफ दिखाई देगा।

तमिलनाडु, कर्नाटक, मुंबई, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बंगाल और बिहार में कुछ ही देर के लिए और ठीक से भी नहीं दिखेगा। वहीं, असम, अरुणाचल, मणिपुर, नागालैंड में ये ग्रहण बिल्कुल नहीं दिखेगा।

सूर्य का आधा हिस्सा छुप जाएगा

अमावस्या पर सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी लगभग एक लाइन में आ जाते हैं। जिसे सूर्य ग्रहण कहते हैं। 25 अक्टूबर को भी सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी लगभग सीधी रेखा में रहेंगे। जिससे चंद्रमा आंशिक रूप से कुछ वक्त के लिए सूर्य को ढंकता हुआ दिखाई देगा, जिससे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इस ग्रहण के दौरान भारत में सूर्य का 55% हिस्सा चंद्रमा से ढंका होगा। नई दिल्ली में ये ग्रहण शाम करीब 04:29 पर शुरू होकर सूर्यास्त के साथ 18:09 पर खत्म हो जाएगा।

24 को दिवाली और 25 को सूर्य ग्रहण

22 अक्टूबर को धनतेरस मनाई जाएगी। अगले दिन यानी 23 को रूप चतुर्दशी मनेगी। 24 अक्टूबर को ही सुबह रूप चतुर्दशी और शाम को दीपावली पर्व मनाया जाएगा। 25 को आंशिक सूर्य ग्रहण होने से कोई पर्व नहीं रहेगा। 26 तारीख को गोवर्धन पूजा और 27 को भाई दूज मनाई जाएगी।

दिनभर रहेगा सूतक, नहीं होगी पूजा-पाठ

वैसे तो ये खगोलीय घटना है, लेकिन धर्म के नजरिए से भी ये सूर्य ग्रहण खास रहेगा, क्योंकि इस बार दिवाली के अगले दिन ये पड़ रहा है। भारत में शाम 4 बजे से ग्रहण शुरू होने की वजह से इसका सूतक 12 घंटे पहले, यानी सुबह 4 बजे से ही शुरू हो जाएगा। इसलिए गोवर्धन पूजा 25 की बजाय 26 अक्टूबर को होगी।

भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव रहेगा?

25 अक्टूबर को होने वाला सूर्य ग्रहण भले ही भारत में आंशिक रूप से दिखेगा, लेकिन इसका असर वातावरण और आम लोगों पर भी पड़ेगा। इसलिए सूतक काल और ग्रहण के समय सावधानियां रखनी होगी। सूतक काल और ग्रहण के दौरान मंदिर और घरों के पूजा स्थल बंद रखें। मूर्तियों को न छूएं। खान-पान से परहेज रखें।

बूढ़े, बच्चे और बीमार ग्रहण से तीन घंटे पहले खाना खा लें। ग्रहण अवधि में मंत्र जाप ध्यान और कीर्तन करें। इस समय दान देना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा स्थल और पूरे घर में गंगाजल छिड़ककर शुद्धि करें। नदियों में स्नान करने की भी परंपरा है।

-एजेंसी


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