केरल बंद के दौरान हिंसा का हाई कोर्ट ने लिया स्‍वत: संज्ञान, PFI को जमकर फटकारा

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पीएफआई ने अपने नेताओं के कार्यालयों और आवासों पर एएनआई की छापेमारी का विरोध किया। पीएफआई ने शुक्रवार को बंद का ऐलान किया। शुक्रवार को सुबह 6 से शाम 6 तक बुलाए गए बंद के दौरान केरल के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की कई घटनाएं हुईं।

वाहन पर फेंके पेट्रोल बम

तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोझीकोड, वायनाड और अलाप्पुझा सहित विभिन्न जिलों में केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों (केएसआरटीसी) पर पथराव किया गया। स्थानीय मीडिया ने बताया कि सुबह कन्नूर के नारायणपारा में वितरण के लिए अखबार ले जा रहे एक वाहन पर पेट्रोल बम फेंका गया।

कुछ लोगों को आईं मामूली चोटें

अलाप्पुझा में, केएसआरटीसी की बसें, एक टैंकर लॉरी और कुछ अन्य वाहन कथित रूप से हड़ताल का समर्थन करने वालों द्वारा किए गए पथराव में क्षतिग्रस्त हो गए। कोझीकोड और कन्नूर में पीएफआई कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से किए गए पथराव में एक 15 वर्षीय लड़की और एक ऑटो-रिक्शा चालक को मामूली चोटें आईं।

सरकार ने कार्रवाई के दिए आदेश

इस बीच, केरल पुलिस ने राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है और पीएफआई द्वारा राज्यव्यापी बंद के आह्वान के बाद जिला पुलिस प्रमुखों को कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एनआईए ने की कार्रवाई

गुरुवार को पीएफआई कार्यकर्ताओं ने उन जगहों पर मार्च निकाला था जहां छापे मारे गए थे। केंद्र और उसकी जांच एजेंसियों के खिलाफ नारेबाजी की थी। हालांकि, सुरक्षा को मजबूत करने के हिस्से के रूप में ऐसे सभी स्थानों पर केंद्रीय बलों को पहले से ही तैनात किया गया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सीपी मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन एलमारम, पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर और अन्य शामिल हैं।

-एजेंसी


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