महाराष्ट्र के सांगली में 4 साधुओं की बच्चा चोरी के शक में बेरहमी से पिटाई की गई। चारों साधु मथुरा (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं। ये सभी लोग बीजापुर से पंढरपुर दर्शन के लिए जा रहे थे।
पुलिस के अनुसार पंढरपुर जाते वक्त स्थानीय लोगों ने इन्हें रोका। सवाल पूछने पर ये लोग भाषा के चलते एक-दूसरे की बात समझ नहीं पाए। इसके बाद ही लोगों को शक हुआ कि ये सभी बच्चा चोर हैं। इसके बाद इनकी पिटाई शुरू कर दी। साधुओं को लोगों ने डंडों से पीटा। मौके पर पुलिस भी पहुंची। इस दौरान भी लोगों ने साधुओं को जीप से निकालने की कोशिश की।
पुलिस ने सभी साधुओं को अस्पताल में भर्ती कराया है। अभी किसी की भी स्थिति बयान देने की नहीं है। इनकी हालत सुधरते ही इनके बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे। अभी तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं की गई है।
इस घटना के बारे में सांगली के एसपी दीक्षित गेदम ने कहा, ‘‘हमें इस बारे में कोई शिकायत या औपचारिक रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन हम वायरल वीडियो की जांच कर रहे हैं और तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं। ’’
महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक राम कदम ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।
उन्होंने कहा, “साधु संतों के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार हम कतई बर्दास्त नहीं करेंगे। जो दोषी हैं, उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई होगी। पालघर साधु हत्याकांड में उस समय की सरकार ने अन्याय किया था, उनके साथ छलावा किया था पर महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार साधु संतों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देगी। जो दोषी हैं उनपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।”
2 साल पहले पालघर में हुई थी साधुओं की हत्या
महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल 2020 को दो साधुओं और एक ड्राइवर की हत्या कर दी गई थी। 16 अप्रैल की रात 70 साल के कल्पवृक्ष गिरी, सुशील गिरी (35) अपने ड्राइवर नीलेश तेलगाडे (30) के साथ ओमिनी वैन से सूरत जा रहे थे, जब पालघर से 100 किलोमीटर दूर स्थित गढ़चिंचले गांव में भीड़ ने उन्हें बाहर खींच लिया था। इसके बाद उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
दोनों साधु वाराणसी के जूना अखाड़ा के थे और वे सूरत में महंत श्री राम गिरी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। वारदात के वीडियो सामने आने के बाद घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर सवाल उठे थे। यह लिंचिंग, बच्चा चोरों की अफवाह उड़ने के बाद हुई थी।
-एजेंसी
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