जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में 90 सीटों पर अकेली ही चुनाव लड़ने के संकेत देने के एक दिन बाद ही फारूक अब्दुल्ला ने पलटी मार ली है। उन्होंने कहा कि अभी कोई अंतिम निर्यण नहीं लिया गया है और यह तभी लिया जाएगा जब चुनाव की तारीकों का ऐलान हो जाएगा। बता दें कि फारूक अब्दुल्ला गुपकार डिक्लेरेशन के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन टूटेगा नहीं।
अब्दुल्ला ने कहा, नेशनल कॉन्फ्रेंस एक लोकतांत्रिक दल है। यह कोई भी प्रस्ताव पास कर सकती है लेकिन अंतिम निर्णय चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद ही लिया जाएगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बुधवार को एक प्रस्ताव पास किया था जिसमें जम्मू-कश्मीर की सभी 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही गी थी। यह फैसला एनसी के उपध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली बैठक में लिया गया था।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर पार्टी और पार्टी के नेताओं के खिलाफ कोई बयान देता है तो उसे सहने की क्षमता होनी चाहिए। अगर आपके पास वह क्षमता नहीं है तो आप अपने लोगों के लिए कुछ नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, सभी को बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए। नेशनल कॉन्फ्रेंस के इस प्रस्ताव के बाद पीडीपी और गुपकार के अन्य सदस्य दलों ने कहा कि यह गठबंधन एक बड़े लक्ष्य के लिए किया गया है। अगर कोई एक दल अलग भी होता है तो इससे फर्क नहीं पड़ेगा।
पीएजीडी के प्रवक्ता और सीपीआई (एम) के महासचिव मोहम्मद युसुफ तारीगामी ने कहा कि हो सकता है कि हमारे बीच कोई गलतफहमी हो जाए लेकिन इसका मतलह यह नहीं कि हम अलग हो रहे हैं। अगर साथ चुनाव लड़ने या अलग लड़ने का कोई फैसला किया जाएगा तो वह मिलकर ही लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, पीएजीडी के मुखिया फारूक अब्दुल्ला हैं और हम इकट्ठे रहेंगे क्योंकि हमारे अधिकारों का मामला है। बता दें कि 4 अगस्त 2019 को पीएजीडी बनाया गया था जिसमें पीडीपी, सीपीआई (एम), आवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया है। पीपल्स कॉन्फ्रेंस भी इसका हिस्सा थी लेकिन 2020 में डीडीसी चुनाव के वक्त अलग हो गई थी।
-एजेंसी